New Delhi/Alive News : दिल्ली सरकार की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से सेंट्रल विस्टा में एक्जिक्यूटिव एन्क्लेव के तौर पर बनने वाले नए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) व कैबिनेट सचिवालय का निर्माण कार्य करीब आठ माह से अटका हुआ है। आधिकारिक दस्तावेज से पता चला है कि दिल्ली राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईए) की तरफ से एक्जिक्यूटिव एन्क्लेव के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलना अभी बाकी है।
परियोजना के प्रस्तावक केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल दिसंबर में पर्यावरण मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। एसईआईए को भेजे जाने से पहले प्रस्तावों की जांच करने वाली दिल्ली राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) ने शनिवार को एक उप-समिति का गठन कर किया है, जो शहर सरकार की वृक्ष प्रत्यारोपण नीति के मुताबिक, कार्यान्वयन की जांच करने और जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए परियोजना स्थल का दौरा करेगी। परियोजना के तहत 47,000 वर्गमीटर के निर्मित क्षेत्र को ध्वस्त कर 90,000 वर्ग मीटर के कुल पांच भवनों का निर्माण किया जाना है।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को आयोजित एसईएसी की बैठक में प्रस्ताव को एसईआईए के पास भेजे जाने से पहले वहां लगे पेड़ों को बनाए रखने की योजना की जरूरत बताई है। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2020 में विकास कार्यों से प्रभावित होने वाले 80 फीसदी पेड़ों के अनिवार्य प्रत्यारोपण की नीति बनाई है। इस नीति के तहत प्रत्यारोपण के एक वर्ष बाद तक 80 फीसदी वृक्षों का जीवित रहना भी जरूरी है।
एसईएसी ने पहली बार 31 जनवरी को सीपीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव की जांच कर अत्यधिक उच्च अनुपात में पेड़ों को हटाने की योजना पर चिंता जताई थी। इसके बाद सीपीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव को संशोधन किया और प्रत्यारोपित किए जाने वाले पेड़ों की संख्या 630 से घटाकर 487 कर दी और साइट पर बनाए जाने वाले पेड़ों की संख्या 154 से बढ़ाकर 320 कर दी गई। कुल पांच भवनों