Palwal/Alive News : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पलवल जिले में कचरा संग्रहण उसकी छटाई और निपटारे पर अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए एक कमेटी को 2 माह के भीतर ई-मेल के जरिए रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को तय की गई है। एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस एके गोयल ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को लेकर कमेटी का गठन किया है।
जिले में वास्तविक अनुपालना स्थिति जानने के लिए कमेटी बनाना उचित रहेगा। ताकि इसके सफल रहने पर अन्य स्थानों पर इसके लिए संभावना तलाशी जा सकती है। अगर इस में कमियां पाई जाती है तो उसके सुधार किए जा सकते है। एनजीटी ने यह निर्देश पलवल के एसएनडी पब्लिक स्कूल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। स्कूल ने याचिका में आरोप लगाया कि गांव मेघपुर में चरागाह के लिए छोड़े गए स्थान पर नगर परिषद दवारा अवैध रुप से कचरा डाला जा रहा है।
पंचायत समिति के सदस्य राजकुमार ओलिहान ने बताया कि नगर परिषद ने अवैध रुप से तालाब की जमीन पर कब्जा कर कानूनों को ताक पर रखकर यह डंपिंग क्षेत्र बनाया है। जिसके कारण हमारे क्षेत्र के लगभग 40-50 गावों में मक्खियों व मच्छरों का और बीमारी फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। जिस समह यह डपिंग जॉन बना था उस समय मेघपुर, पातली, घुघेरा, लालवा आदि गावों के लोगों ने इसका भारी विरोध किया था। लेकिन प्रशासन ने ग्रामिणों के पुरजोर विरोध के बाद भी तालाब और गोचर की जमीन पर यह डपिंग सेंटर बना दिया है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद के क्षेत्र में चार साल पहले शामिल किये गये गांव मेघपुर में बने डंपिंग स्टेशन पर लगाये गए बयोरेमेडेशन प्लोंट में कूड़े को निस्तारित कर बनाये जाने वाले आरडीएफ और स्वाइल इनरीमेन्ट मेटीरियल को अब 20 फस्ट सेंचुरी कंपनी खरीदेगी। जिसके लिए कम्पनी का नगर परिषद पलवल से समझौता हो गया है। कंपनी इसी माह से सामग्री को उठाना शुरू कर देगी।