Faridabad/Alive News: फरीदाबाद जिले में चर्चित किडनी कांड मामले में पीजीआई रोहतक ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है। गठित कमेटी की जांच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें, कि लगभग 2 साल पहले महिला ने अपने पति की फेसबुक आईडी चला रही थी। उसी दौरान फेसबुक आईडी पर एक किडनी को लेकर लिंक आया था। जिस पर उसने क्लिक कर दिया। जिसके बाद कुछ देर बाद फोन पर फोन आने लगा और उन्हें मिलने के लिए विकासपुरी दिल्ली में बुलाया गया, जहां पर किडनी लेने वाले विनोद मल्होत्रा का ऑफिस था। वह अपने एक दोस्त के साथ अपने ऑफिस में बैठा था। आरोप है कि वहां उनका ब्लड सैंपल लिया और फिर उन्हें विनोद ने यह कहा कि उसे किडनी की जरूरत है और उसके बदले में उसके पति की सरकारी नौकरी लगवा देगा। जिसके बाद उसने सोचा कि उसके पति की नौकरी लग जाएगी तो उसके दो बच्चों का जीवन सुधर जाएगा, लेकिन उसके बाद जब मल्होत्रा उसे अपनी पत्नी से मिलवाने के लिए घर ले गया तो वहां पर उसने बात करते हुए सुना कि किडनी तो केवल ब्लड रिलेशन में ही किसी को दी जा सकती है। जिसके बाद से किडनी देने से मना कर दिया।
पीड़िता के मुताबिक जब उसने किडनी देने से मना कर दिया तो न केवल उसे बल्कि उसके पति और बच्चों को बंधक बना लिया गया। फिर उसके पति और बच्चों को मारने की धमकी देकर उसे बार-बार किडनी बदलने के लिए कराए जाने वाले टेस्ट के लिए ले जाया जाता रहा। इस दौरान उसके पति और बच्चे लगभग डेढ़ साल तक बंधक बने रहे। फिर मुख्य आरोपी विनोद मल्होत्रा ने न केवल फरीदाबाद के एक और नामी अस्पताल में बल्कि दिल्ली सहित चंडीगढ़ के पीजीआई के कई अस्पतालों में फर्जी कागजात के जरिए किडनी बदलवाने का प्रयास किया।