New Delhi/Alive News : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 146वीं जयंती के अवसर पर राजधानी दिल्ली के राजपथ से अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की थी. 2 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ यह ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अब देश के कोने-कोने में फैल चुका है. सिर्फ राज्यों ही नहीं, बल्कि ऐसे पर्वतीय इलाकों में इस अभियान को चलाया गया, जहां पहुंचना भी बेहद कठिन होता है. स्वच्छ भारत के इस अभिनयान में देश के हर तबके और वर्ग ने अपना योगदान दिया तो भला ऐसे में हमारे देश के जवान कहां पीछे रहने वाले थे. देश के जवानों ने भी सियाचिन जैसी दुर्गम बर्फीली वादियों में इस अभिनयान की शुरुआत की.
भारतीय सेना की सूर्य किरण कमान ने रविवार को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों और बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और कैलाश मानसरोवर जैसे तीर्थस्थानों को जाने वाले रास्तों में सफाई अभियान चलाया. लखनऊ से सेना की मध्य कमान से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, स्थानों को पर्यटकों और तीर्थयात्रियों द्वारा छोड़े गए कूड़े-कचरे से मुक्त करने के लिए चलाया गया यह सफाई अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा. इसके साथ सियाचिन ब्रिग्रेड ने सियाचिन ग्लेशियर में स्वच्छता अभियान चलाया.
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सफाई और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ देश के सात राज्यों में फैली मध्य कमान की दूरस्थ और सीमांत स्थानों की टीमें रवाना हुई हैं. ये टीमें दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों से संपर्क करेंगी और उन्हें हिमालय को स्वच्छ रखने की जरूरत और इसके लिए किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताएगी.’
सेना की सूर्य किरण कमान सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन टीमों के अलावा, माउंट कामेट, गंगोत्री, यमुनोत्री और पिंडारी ग्लेशियरों के लिए स्पेशल पेट्रोल टीमें भी भेजी जाएंगी जो वहां श्रद्वालुओं और पर्यटकों द्वारा छोड़े गए कूड़े-कचरे को साफ कर वहां के नैसर्गिक सौंदर्य को बनाए रखेंगी.
17 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान अगले 15 दिन तक चलेगा. इस अभियान में करीब 4000 सैनिक हिस्सा लेंगे. सैनिक सियाचिन की पहाड़ियों में फैले कचरे की सफाई करेंगे जिनमें पैकिंग मटेरियल और बैरेल जैसा कचरा शामिल है.
इस अभ्यास को सैनिक 9500 फुट – 21000 फुट की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप और फॉरवर्ड पोस्ट में चलाएंगे. यह काम शून्य डिग्री से भी कम तापमान वाले इलाकों में किया जाएगा. इस मुहिम में बायोडिग्रेडेबल और नॉन बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने पर भी जोर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि उत्तर और दक्षिण ध्रुव के बाद सियाचिन सबसे बड़ा ग्लेशियर है, लेकिन इनमें से सियाचिन सबसे ज्यादा प्रदूषित रहता है. अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के दौरान इस क्षेत्र से 63 टन से अधिक कचरा निकाला गया था.कचरे में पैकिंग मटीरियल, बैरल और नष्ट होने वाली अन्य चीजें हैं.
स्वच्छ भारत अभियान के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा के रास्ते पर सफाई अभियान में सूर्या कमांडर की तैनात टुकड़ी ने भी भाग लिया था.