May 21, 2024

SOS चिल्ड्रेन्स के बच्चों ने मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टरों को भेजी राखी

Faridabad/Alive News : कोविड-19 महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति प्यार जताने और उनकी प्रशंसा के तौर पर, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ग्रीनफील्ड्स, फरीदाबाद के बच्चों ने रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत और गुड़गांव में डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों को राखी और हाथ से बने कार्ड भेजे।

राखी पूर्णिमा या राखी के नाम से भी जाना जाने वाला रक्षा बंधन त्योहार हिंदू सौर कैलेंडर के श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस वर्ष यह त्योहार 22 अगस्त को है। रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के पवित्र रिश्ते को सेलिब्रेट करने की एक सदियों पुरानी परंपरा है। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो कि एक सजावटी धागा के रूप में होता है।

महामारी के बीच, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ग्रीनफील्ड्स, फरीदाबाद के बच्चों ने इस वर्ष रक्षा बंधन को कोविड -19 रोगियों के इलाज का कर्तव्य निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए यादगार बनाने का फैसला किया। उन्होंने सैकड़ों की संख्या में, प्रेम और कृतज्ञता के शब्दों वाली राखियां और कार्ड बनाए और उन्हें मैक्स हेल्थकेयर हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों के पास भेजने का फैसला किया। बच्चों के इस हावभाव से मैक्स हेल्थकेयर हॉस्पिटल्स की पूरी टीम अभिभूत हो गई।

मैक्स हॉस्पिटल, गुड़गांव की वीपी (ऑपरेशन) अर्पिता मुखर्जी ने कहा, राखी आस्था और कर्तव्य को सेलिब्रेट करने का अवसर है। हमारे स्वास्थ्य कर्मी महामारी के दौरान मरीजों की मदद करने के लिए अग्रिम पंक्ति में रहे हैं और उन्होंने मरीजों की सेवा करने के लिए अथक प्रयास किया है। हम एसओएससीवीआई के बच्चों को हमें राखी और कार्ड भेजकर हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए धन्यवाद देते हैं, जिन्हें उन्होंने बहुत सोच-समझकर और स्नेह के साथ बनाया था। हम सभी को राखी की शुभकामनाएं और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”

एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ इंडिया के महासचिव सुमंत कार ने कहा, “हमारे बच्चे इस महामारी के दौरान डॉक्टरों, नर्सों और अस्पतालों के प्रशासकों के बलिदानों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसलिए, वे चिकित्सा कर्मियों को राखी और हाथ से बनाये गये कार्ड भेजने का विचार लेकर आए। राखी और कार्ड बनाना अपने आप में एक कला है। इसने हमारे बच्चों में बहने वाली रचनात्मकता को बाहर निकाला है। बच्चों को भी इस सदियों पुरानी परंपरा के गहरे अर्थ को समझने और भारतीय संस्कृति की सराहना करने का अवसर मिला।