December 29, 2024

बाल विवाह एक अभिशाप है, जो बच्चों से शिक्षा के अवसर को छीनता है : जगत सिंह रावत

Palwal/Alive News : नालसा योजना 2015 के अन्तर्गत उड़ान (मुझे उडऩे दो) के तहत बाल विवाह को रोकने संबन्धी विशेष कानूनी जागरूकता शिविर व हस्ताक्षर अभियान जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एंव चेयरमैन मनीषा बत्रा व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एंव सचिव डॉ. कविता कांबोज के मार्गदर्शन में नालसा योजना 2015 के तहत उड़ान (मुझे उडऩे दो) बाल विवाह निषेध जागरूकता अभियान के अन्तर्गत विशेष कानूनी जागरूकता शिविर व हस्ताक्षर अभियान का आयोजन गांव लाडिया की चौपाल/पुरुष वाचनालय होडल पलवल में पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत, नारायण शर्मा व पैराविधिक स्वयं सेवक इंद्रजीत द्वारा किया गया।

शिविर में पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत ने ग्रामीणों को बताया कि बाल मित्र नालसा योजना 2015 के अन्तर्गत बाल अधिकारों के संरक्षण को बढावा देने के उद्देश्य से उडान (मुझे उडऩे दो) बाल विवाह निषेध जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों के संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित करना है।

बच्चों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए, जो हमारे देश के भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करना व करवाना दोनों ही कानूनी अपराध है। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, एक अभिशाप है, जो बच्चों के बचपन व किशोरावस्था, शिक्षा के अवसर को छीनता है, जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावानात्मक विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है और वे परिपक्वता के अभाव के कारण शिक्षा एवं अर्थपूर्ण कार्यों से वंचित रह जाते हैं।

जिसकी वजह से मातृत्व एवं शिशु रोगों व कुपोषित बच्चे, बीमारियों व घरेलू हिंसा जैसी अनेक प्रकार की समस्याओं में उलझकर अपने जीवन को बर्बाद कर लेते हैं। उक्त अधिनियम में शादी के लिए लडक़ी की उम्र 18 वर्ष तथा लडका की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए।

बाल विवाह करने पर 2 वर्ष तक की सजा या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों एक साथ से संलिप्त दोषी को दण्डित किया जा सकता है। वर, यदि 18 वर्ष से अधिक उम्र का है, माता-पिता, पुजारी – पण्डित, दोनों पक्षों के रिश्तेदार व मित्र, मैरिज ब्यूरो के सदस्य, बाल विवाह के लिए जोर-जबरदस्ती करने वाले, हलवाई व शादी की अन्य व्यवस्थाओं में शामिल लोगों के खिलाफ बाल विवाह होने पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। बाल विवाह को रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत बाल विवाह के दुष्परिणामों, कारणों व रोकने के उपायों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

यदि कानूनन उम्र के तहत बेटा या बेटी की शादी होती है तो जिला कल्याण विभाग से अलग-अलग श्रेणियों के अंतर्गत बेटियों की शादी के लिए अनुदान भी प्राप्त किया जा सकता है।

शिविर में ग्रामीणों को राजस्व व दीवानी तथा बिजली बोर्ड, पैंशन बंधवाने, श्रमिकों के पंजीकरण, वोटर कार्ड, बेटियों की शादी में अनुदान ना मिलने बारे, सुकन्या समृद्धि योजना स बंधित मामलों में कानूनी सलाह मु त प्रदान की गयी। उन्हें वरिष्ठ नागरिकों स बन्धी कानूनी प पलेट भी वितरित किये।

बाल विवाह को रोकने स बन्धी संकल्प हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, ग्राम पंचायत व समिति के सदस्यों ने भी पूर्ण सहयोग किया गया। शिविर में सरपंच ऊषा, रामवती, संतोष व प्रसादी लाल पंच, पूर्व पंच भगवत दयाल, प्रभु, विजय पाल, रामप्रसाद, राजेंद्र, राकेश चौकीदार आदि गणमान्य ग्रामीण मौजूद रहे।