मुख्यमंत्री का रावण भेदी तीर कहीं बडख़ल विधानसभा को न भेद जाए
Faridabad/Alive News : शहर में एनआईटी दशहरे को लेकर पिछले पांच सालों से मुख्य धार्मिक संस्थाओं में विवाद चला आ रहा है। विवाद इतना की दशहरा दहन के लिए प्रशासन को खुद उसमें कुदना पड़ रहा है। ऐसे मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का अचानक फरीदाबाद में दशहरे के त्यौहार को लेकर मुख्यातिथि के रूप में आना एक नई राजनीति को जन्म देना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का रावण दहन का निर्णय राजनैताओं को हजम नहीं हो रहा।
विवाद के बाद मुख्यमंत्री की दशहरे पर अचानक एंट्री फरीदाबाद के लोगों को भोचक्का कर रही है। राजनैता मुख्यमंत्री के इस आगमन को विधानसभा चुनाव से भी जोडकऱ देख रहे हैं। माना यह भी जा रहा है कि एनआईटी दशहरा बडख़ल विधानसभा में आ रहा है और बडख़ल विधानसभा पंजाबी सीट है, कहीं मुख्यमंत्री दशहरे के तीर से बडख़ल विधानसभा को आगामी विधानसभा के लिए तो नही भेद रहे। राजनैताओं के अनुसार मुखयमंत्री रावण दहन की आड़ में अपना राजनैतिक तीर चलाना चाह रहे हैं। इस तरह अचानक मुखयमंत्री का दशहरे पर फरीदाबाद में रावण दहन के लिए आना राजनैतिक चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
राजनैतिक लोगों का कहना है कि अपने लिए सुरक्षित विधानसभा सीट की तलाश कर रहे मुख्यमंत्री की नजर अब बडख़ल विधानसभा में आकर रूक गई है। यह चर्चा पिछले कुछ समय से जोरों पर है कि मुख्यमंत्री अगला विधानसभा चुनाव करनाल की बजाए गुरूग्राम या फरीदाबाद से लड़ सकते हैं। वैसे भी करनाल से उनके हारने की रिपोर्टे आ रही हैं।
वहीं बडख़ल सीट पर विधायक सीमा त्रिखा की पकड़ मजबूत न होने की रिर्पोट से उनके भी हारने के आसार से पार्टी अभी से मुख्यमंत्री के लिए शायद धरातल तैयार कर रही है।
उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद ही ऐसी चर्चाओं पर यह कहकर विराम लगा चुके हैं कि वह करनाल से ही चुनाव में उतरेंगे। परंतु भाजपा के सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ने यह बयान केवल राजनैतिक तौर पर जारी किया है, असल में उन्हें भी करनाल सीट अपने लिए महफूज नहीं लग रही। हालांकि सीएम के कुछ समर्थक पहले उन्हें गुरूग्राम से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में थे। परंतु गुरूग्राम नगर निगम चुनाव में भाजपा की खस्ता हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार उनके लिए फिर से एक सुरक्षित सीट देखने के लिए मजबूर हो गए हैं।
इसी कड़ी में कहा जा रहा है कि संभवतय: मुख्यमंत्री फरीदाबाद की बडख़ल विधानसभा सीट से अपना भाज्य आजमा सकते हैं। चर्चा यह भी है कि वह फरीदाबाद के प्राचीन दशहरा ग्राऊंड से अपनी नई पारी की शुरूआत करने के लिए ही मुख्यातिथि बनकर फरीदाबाद आ रहे हैं। अब देखना यह है कि भविष्य की राजनीति क्या करवट लेती है।