Chandigarh/Alive News: किसान संगठनों के विरोध के परिणामस्वरूप हरियाणा में काफी लंबे समय से अवरूद्ध राष्ट्रीय राजमार्गों को खुलवाने के संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। तीन कृषि अधिनियमों का विभिन्न किसान संगठनों द्वारा विरोध किए जाने के परिणामस्वरूप काफी लंबे समय से हरियाणा में दिल्ली के साथ लगते सिंघू बार्डर व टिकरी बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध हुए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध होने के परिणामस्वरूप आम जनता विशेषकर सिंधू बार्डर व टिकरी बार्डर के निकटवर्ती औद्योगिक क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र के लिए परेशानी बनी हुई है। निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों द्वारा अवरूद्ध हुए राजमार्गों को खुलवाने के लिए लगातार मांग भी की जा रही है। अवरूद्ध हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को खुलवाने के संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अवरूद्ध हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को खुलवाने के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ विचार-विमर्श किया।
हरियाणा में अन्य स्थानों भी पर किसानों द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों की स्थिति के संदर्भ में भी केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाया गया। केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बातचीत जारी है और 20 अक्तूबर को हरियाणा सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। किसान नेताओं को भी पार्टी बनाया गया है।
इससे पहले किसान संगठनों के साथ कोई सहमति बनती है तो सही है। उसके उपरांत सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार राजमार्गों को खुलवाया जाएगा। किसानों से उनके विरोध प्रदर्शन व आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखने की सदैव अपील है। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में दूसरे सडक मार्गों पर वाहनों के अधिक दबाव के परिणामस्वरूप टूट चुके सडक मार्गों की एक माह में मरम्मत करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियााणा में पराली जलाए जाने के मीडिया द्वारा किए गए प्रश्न पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह सब निराधार है और हरियाणा में धान उत्पादक किसानों को 1000 रूपये प्रति एकड प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। अब कंपनियां द्वारा किसानों से पराली खरीदी जा रही है और प्रति एकड किसानों की आमदन में भी वृद्धि हुई है।