Rakesh Sharma/Alive News
कुरुक्षेत्र : संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा देशभर में आयोजित चार विषयों पर कार्यशालाओं की पूर्णता के पश्चात विस्तृत रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार को सौंप दी गई है। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय कार्यशाला प्रकल्प के संयोजक एवं विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा कार्यशाला आयोजन के प्रत्येक जिले की डाक्यूमैंट्री फिल्म का निर्माण किया गया है। इस प्रकार कुल 453 डाक्यूमैंट्री फिल्मों का निर्माण किया, जिनका यू-ट्यूब ‘वीबीएसएसएस’ पर आसानी से अवलोकन किया जा सकता है।
इन फिल्मों का लोकार्पण संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने दिल्ली में किया। डॉ. महेश शर्मा ने विद्या भारती द्वारा देशभर में किए गए कार्यशाला आयोजन की रिपोर्ट का अवलोकन कर मुक्तकंठ से प्रशंसा की और कहा कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान ने देशभर के लगभग आठ लाख विद्यार्थियों को इस मुहिम से जोडक़र एक अनुकरणीय कार्य किया है। डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि कार्यशाला आयोजन का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर छात्र-छात्राओं को भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा, परम्पराओं, जीवन विज्ञान, मूल्यों का ज्ञान एवं महापुरुषों के अनुभवों से परिचित कराकर उन्हें श्रेष्ठ नागरिक बनने की प्रेरणा देना था। उन्होंने बताया कि संस्थान ने भारत के 29 राज्यों में 448 जिलों के 1388 विद्यालयों में 1402 कार्यशालाओं का आयोजन कर 6002 विद्यालयों के 7 लाख 26 हजार 870 छात्रों को न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित किया, बल्कि भारत की अतुल्य संस्कृति का सांस्कृतिक बोध कराया। समाज के अन्य वर्गों को भी किसी न किसी रूप में इन कार्यशालाओं से जुडऩे का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की कार्यशालाओं में प्रतिभागिता के साथ-साथ शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाओं से इस दिशा में और बड़े स्तर पर कार्य करने की प्रेरणा मिली है।
डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा देशभर में सांस्कृतिक मूल्यों के विकास हेतु संगीत, लोक संस्कृति, लोक कला, नृत्य, नाट्य, निबंध लेखन पर दो दिवसीय कार्यशाला, भारतीय नैतिक तथा जीवन मूल्यों के विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला, 21वीं शताब्दी में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के प्रदर्शन तथा छात्रों में वैज्ञानिक अभिरुचि उत्पन्न करने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला, योग एवं स्वस्थ मानव जीवन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं में सम्मिलित हुए प्रत्येक छात्र-छात्रा को सहभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गया।
राज्य एवं जिलावार कार्यशालाओं का विवरण देते हुए डॉ? रामेन्द्र सिंह ने बताया कि जम्मू कश्मीर के 3 जिलों में सात कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें जम्मू कश्मीर के 3 जिलों में 34 विद्यालयों की सात कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 2798 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। पंजाब के 14 जिलों में 195 विद्यालयों की 48 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 25978 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। हिमाचल प्रदेश के 8 जिलों में 116 विद्यालयों की 19 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 9514 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। हरियाणा के 14 जिलों में 200 विद्यालयों की 44 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 23512 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। उत्तराखण्ड के 13 जिलों में 141 विद्यालयों की 40 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 19936 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। उत्तर प्रदेश के 68 जिलों में 644 विद्यालयों की 233 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 123198 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। बिहार के 35 जिलों में 461 विद्यालयों की 88 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 48553 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। झारखण्ड के 19 जिलों में 131 विद्यालयों की 57 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 29460 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। असम के 22 जिलों में 235 विद्यालयों की 60 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 25738 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की।
उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के 2 जिलों में 9 विद्यालयों की 8 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 4313 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। मणिपुर के 4 जिलों में 5 विद्यालयों की 4 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 1792 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। त्रिपुरा के 3 जिलों में 5 विद्यालयों की 4 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 1594 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। मेघालय के 3 जिलों में 34 विद्यालयों की 4 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 2160 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। नागालैंड के 1 जिलों में 5 विद्यालयों की 5 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 1628 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। ओडिशा के 30 जिलों में 184 विद्यालयों की 93 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 47890 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। पश्चिम बंगाल के 13 जिलों में 170 विद्यालयों की 41 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 22508 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। कर्नाटक के 11 जिलों में 241 विद्यालयों की 37 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 18987 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। आंध्र प्रदेश के 12 जिलों में 351 विद्यालयों की 44 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 23106 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। तेलंगाना के 9 जिलों में 196 विद्यालयों की 26 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 16022 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। तमिलनाडु के 4 जिलों में 52 विद्यालयों की 6 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 3126 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। केरल के 12 जिलों में 204 विद्यालयों की 27 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 14478 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। महाराष्ट्र के 28 जिलों में 317 विद्यालयों की 68 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 34299 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की।
उन्होंने बताया कि गोवा के एक जिले में एक विद्यालय की कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिनमें 684 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। इसी प्रकार गुजरात के 11 जिलों में 19 विद्यालयों की 19 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 9682 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। राजस्थान के 32 जिलों में 510 विद्यालयों की 118 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 64277 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। मध्य प्रदेश के 47 जिलों में 1017 विद्यालयों की 187 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 98363 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। छत्तीसगढ़ के 20 जिलों में 410 विद्यालयों की 80 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 42545 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। चंडीगढ़ में चार कार्यशालाओं में 12 विद्यालयों ने प्रतिभागिता की, जिनमें 2216 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। इसी प्रकार दिल्ली के 8 जिलों में 103 विद्यालयों की 16 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनमें 8513 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। इसके अतिरिक्त कार्यशालाओं में प्रशिक्षक एवं विषय विशेषज्ञों की संख्या 9173 रही जबकि मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि की संख्या 14737 रही।
डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सर्वप्रथम 23-24 जनवरी 2016 को राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला कुरुक्षेत्र में आयोजित की गई। उसके उपरांत सम्पूर्ण देश में प्रदेशों के समूह बनाकर जिला संयोजकों को प्रशिक्षित करने के लिए 12 स्थानों पर क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। उसके उपरांत प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण देश में अपने-अपने जिलों में निर्धारित विषयों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ एवं ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश भी इन सब प्रतिभागियों को कार्यशालाओं के माध्यम से पहुंचाया गया। जिससे एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दिशा में हम अग्रसर हो सकें। कार्यशाला आयोजन की पूर्ण सफलता के पश्चात इस प्रकल्प की समीक्षा हेतु 20 से 22 फरवरी, 2017 को कुरुक्षेत्र में ‘अखिल भारतीय कार्यशाला आयोजन समीक्षा बैठक’ का आयोजन किया गया, जिसमें सम्पूर्ण देश के जिला, प्रांत एवं क्षेत्र संयोजकों ने भाग लिया। इस अवसर पर उनके साथ संस्कृति मंत्रालय के सचिव एन.के.सिन्हा आईएएस, नवनीत सोनी आईआरएस, मीडिया प्रभारी राजीव पाठक तथा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।