New Delhi/Alive News : 12वीं के परिणामों की गणना के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 16 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक परिणाम पोर्टल खोल दिया है ताकि स्कूलों को कक्षा 10वीं और 11वीं के अंकों का मॉडरेशन पूरा करने की अनुमति मिल सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बोर्ड ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा है कि यदि कोई विद्यालय निर्धारित समय सीमा के भीतर मॉडरेशन पूरा करने में विफल होता है, तो उनका परिणाम 31 जुलाई के बाद अलग से घोषित किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई के अनुसार कक्षा 11 और 12 के अंकों को मॉडरेट करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। हालांकि स्कूलों की नीति में अंतर की वजह से कुछ छात्रों को लाभ या नुक्सान हो सकता है। इस वर्ष स्कूलों को अंकों की गणना करनी है। लेकिन देश के सभी स्कूलों में समानता की कमी होनी की वजह सीबीएसई की मूल्यांकन नीति पर कई लोगों ने चिंता जताई है।
बता दें, कि देश के विभिन्न विद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए तैयार किए गए प्रश्न पत्रों के कठिनाई स्तर, मोड और अन्य मापदंडों में काफी अंतर होता है। जिसकी वजह से परिणामों में अंतर आने की बहुत ज्यादा संभावना है। फिलहाल सभी स्कूलों द्वारा कक्षा बारहवीं का परिणाम तैयार करने के लिए कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के 70 फीसदी अंक लिए जा रहे हैं। जिसकी गणना स्कूलों द्वारा की जानी है।
हालांकि परिणाम की सही रूप से गणना हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्कूल में एक समिति का गठन किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई दस्तावेज़ में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों की बोर्ड परीक्षा में स्कूल के प्रदर्शन को 2020-2021 के अंकों को मॉडरेट करने के लिए एक रिफ्रेंस के तौर पर लिया जाएगा और अगर किसी विद्यालय का 2017-2018 में औसत 72 फीसदी विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है और 2018-2019 में 74 फीसदी, 2019-20 में 71 फीसदी अंक है तो विद्यालय मॉडरेशन के लिए 2018-19 के विषयवार औसत का उपयोग करेगा।