Delhi/Alive News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से प्रस्तावित पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के फैसले का अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। आज सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रतियोगी छात्र बैरिकेटिंग तोड़कर यूपी लोक सेवा आयोग तक पहुंच गए। ऐसे में पुलिस को भी बल प्रयोग करके उन्हें खदेड़ना पड़ा। प्रदर्शन अभी भी जारी है और छात्र मानने को तैयार नही हैं।
क्या है अभ्यर्थियों की मांग?
यूपी लोक सेवा आयोग ने हाल ही में पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षाओं की नई तिथियों की घोषणा की। यहीं से यह पूरा बवाल खड़ा हुआ। दरअसल, अभ्यर्थी नहीं चाहते हैं कि परीक्षा दो दिन और एक से अधिक पालियों में आयोजित हो। इसके साथ ही वह चाहते हैं कि परीक्षा में मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
पहले भी हो चुका है विरोध प्रदर्शन
अपनी इसी मांग को लेकर पहले भी हजारों अभ्यर्थियों ने 21 अक्तूबर को पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर आयोग का घेराव करके सड़क पर धरना दिया था। उस दौरान भी छात्रों ने ‘नो नॉर्मलाइजेशन’ और ‘वन डे वन शिफ्ट’ की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था।
हैशटैग आंदोलन भी चलाया गया
आयोग के निर्णय से नाखुश अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग अभियान चलाकर भी इसका विरोध किया। एक्स पर ‘हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट’ नाम से चलाए गए अभियान को 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने अपना समर्थन दिया। छात्रों का कहना है कि दो पालियों में परीक्षा कराए जाने से उन्हें नॉर्मलाइजेशन का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हालांकि, आयोग नकल और निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए दो दिन और दो पालियों में परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है।
क्यों हो रहा है आंदोलन?
हालांकि, छात्रों की मांग पूरी नहीं की गई और आयोग ने परीक्षा तिथि की घोषणा की, जिसे देखने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। अब अभ्यर्थी अपनी मांगों को मनवाने के लिए फिर से आंदोलन कर रहे हैं। इसी के विरोध में आज, 11 नवंबर को भी छात्रों ने आंदोलन किया। प्रशासन ने भी सतर्क होकर आयोग पर भारी फोर्स तैनात की और रास्तों को सील कर दिया। इसके बावजूद भी अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि आयोग भर्ती प्रक्रिया के बीच में नियमों में बदलाव नहीं कर सकता है। अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।
क्या है परीक्षा का कार्यक्रम?
आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, दोनों भर्ती परीक्षाओं का आयोजन दिसंबर 2024 में किया जाएगा। दोनों परीक्षाएं एक से अधिक पालियों में आयोजित होंगी। ऐसे में, आयोग ने घोषणा की है कि इन भर्ती परीक्षाओं में मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा।
यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को प्रदेश के 41 जिलों में आयोजित होगी। परीक्षा दो सत्रों में आयोजित कराई जाएगी, जिसमें पहले सत्र की परीक्षा सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक और दूसरे सत्र की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से शुरू होगी।
आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 22 और 23 दिसंबर को किया जाएगा। दोनों दिनों को मिलाकर परीक्षा का आयोजन कुल तीन पालियों में किया जाएगा। तीसरी पाली की परीक्षा का आयोजन 23 दिसंबर को किया जाएगा। 22 दिसंबर को प्रथम पाली सुबह 09:00 से 12:00 बजे, द्वितीय पाली दोपहर 02:30 से 05:30 बजे तक तथा 23 दिसंबर को तृतीय पाली की परीक्षा 09:00 से 12:00 बजे तक होगी।
परीक्षा तिथियां जारी करने के साथ ही आयोग ने एक से अधिक शिफ्टों में होने वाली प्रारंभिक परीक्षा के लिए मूल्यांकन फॉर्मूला भी जारी किया। छात्र परीक्षा को दो दिन कराए जाने और इसमें नॉर्मलाइजेशन लागू करने के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि दोनों परीक्षाओं को एक दिन, एक शिफ्ट में आयोजित किया जाए और मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू न किया जाए।
क्या है नॉर्मलाइजेशन?
इस फॉर्मूले के अनुसार, किसी उम्मीदवार का प्रतिशत स्कोर जानने के लिए उसके द्वारा हासिल किए अंको के बराबर या उससे कम अंक हासिल करने वाले सभी उम्मीदवारों की संख्या और उस शिफ्ट में उपस्थित कुल उम्मीदवारों की कुल संख्या के भागफल को 100 से गुणा करना होगा। आयोग ने कहा है कि उम्मीदवारों के प्रतिशत स्कोर दशमलव के बाद छह अंको (00.000000%) तक हो सकते हैं।
एक दिन, एक पाली में क्या समस्या?
यूपीपीएससी को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए प्रदेश के 75 जिलों में 1758 केंद्रों की जरूरत थी लेकिन आयोग को 55 फीसदी ही केंद्र मिल सके। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 576154 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं और आयोग को जिलाधिकारियों के माध्यम से मानक के अनुसार 978 परीक्षा केंद्रों की ही सहमति प्राप्त हुई, जिनमें 435074 अभ्यर्थियों की ही परीक्षा कराई जा सकती है।
आरओ/एआरओ परीक्षा में तो 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं, जिनकी संख्या पीसीएस परीक्षा के मुकाबले कहीं अधिक है। शासनादेश के अनुसार ऐसे परीक्षा केंद्र न बनाएं जाएं जो प्राइवेट या अधोमानक हों। शासनादेश के अनुसार कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किमी की परिधि तक परीक्षा केंद्रों के विस्तार की कोशिश की गई। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी शामिल करने की कोशिश की गई लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल सके।
इसलिए एक से अधिक पाली में करानी पड़ेगी परीक्षा
हर संभव प्रयास करने के बावजूद पर्याप्त संख्याा में परीक्षा केंद्र उपलब्ध न होने के कारण एक से अधिक दिनों में परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया और इन परिस्थितियों में प्रसामान्यीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की प्रक्रिया को अपनाया गया, जिसे सिविल अपील उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य में सात जनवरी 2024 को पारित उच