New Delhi/ Alive News: भगवान गणेश को बुद्धि की देवता कहा जाता है साथ ही कुछ लोग इन्हें दुखहर्ता भी कहते हैं। वही कुछ लोग मांगलिक कार्य करने से पहले इनकी पूजा अर्चना भी करते हैं। शास्त्रों के अनुसार विग्नहर्ता की पूजा बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाये तो इससे कई तरह के दोष भी दूर हो जाते हैं
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सफ़ेद रंग की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से दोषो से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही घर में अगर सिन्दूरी रंग की मूर्ति स्थापित की जाये तो कई तरह के लाभ भी मिलते हैं। बच्चों के स्टडी टेबल पर पीले या हल्के हरे रंग की गणेश जी की मूर्ति लगाने से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, क्योंकि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश करती है। ऐसे में प्रवेश द्वार पर गणेश जी की पीठ मिलती हुई प्रतिमा लगाने से वास्तु दोष की समस्या दूर होती है। गणेश जी की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर अंदर की तरफ लगाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या ऑफिस में भगवान श्री गणेश की खड़ी हुई प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोष दूर हो जाता है। भगवान की प्रतिमा लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनका मुख दक्षिण दिशा में न हो, वरना इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्ति को स्थापित करते समय दिशाओ का महत्वपूर्ण ध्यान रखना चाहिए घर का उत्तर पूर्वी कोना पूजा-पाठ के लिए बेहतर रहता है। ऐसे में गणपति जी की मूर्ति को भी घर के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थापित करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवान गणेश की मूर्ति को कभी भी घर के दक्षिण में नहीं रखना चाहिए।