May 18, 2024

बोर्ड सचिव ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब, बिना मान्यता के बोर्ड परीक्षा में विधार्थी नहीं होंगे शामिल

Chandigarh/Alive News: सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट के गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के परीक्षा फॉर्म स्वीकार नहीं किए जाने के मामले में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर कर कहा है कि जब तक यह स्कूल स्थाई मान्यता नहीं ले लेते हैं तब इन्हे बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। लेकिन इन स्कूलों के छात्रों को ओपन स्कूल परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी जा सकती है, यह परीक्षा भो बोर्ड द्वारा ही ली जाती है।

मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव कृष्ण कुमार ने यह जवाब हाईकोर्ट में दायर किया है। वहीं हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने यह कोर्ट में अपना जवाब दायर कर कहा है कि इन स्कूलों के पास स्थायी मान्तया नहीं है।

यह मामला हाई कोर्ट में विचारधीन है और हाई कोर्ट 22 नवंबर को याचिकाकर्ता स्कूलों के छात्रों के परीक्षा फार्म स्वीकार करने के आदेश दे चुका है। ऐसे में बोर्ड को इन आदेशों को लागू करना चाहिए। इसके बारे में उनकी तरफ से बोर्ड को इसके बारे में कहा जा चुका है हाई कोर्ट ने दोनों के जवाब को रिकॉर्ड में लेते हुए इस मामले की सुनवाई 5 जनवरी तक स्थगित कर दी है।

बता दें, कि ट्रस्ट से जुड़े 60 अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के 10वीं व 12वींं के छात्रों के एनरोलमेंट और परीक्षा फार्म्स को स्वीकार किए जाने के हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को पिछले महीने जो आदेश दिए थे, उन आदेशों के बावजूद इन फॉर्म्स को स्वीकार न किए जाने के चलते संस्था द्वारा इसके खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर यह नोटिस जारी किया था।

संस्था ने दायर अवमानना याचिका में हाईकोर्ट को बताया था कि हाईकोर्ट ने पिछले महीने याचिकाकर्ता संस्था के 60 स्कूलों को बड़ी राहत देते हुए उनके स्कूलों के छात्रों के एनरोलमेंट और परीक्षा फार्म स्वीकार करने के बोर्ड को आदेश दिए थे। अब संस्था ने बताया है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद उनके स्कूलों के छात्रों के फॉर्म्स स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के साथ हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शुक्रवार को दोनों की तरफ से आये जवाब के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 5 जनवरी तक स्थगित कर दी है।