Chandigarh/Alive News: किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसान आज यानि बुधवार को काला दिवस मनाएंगे। इसके तहत जहां किसान अपने घरों और वाहनों पर काला झंडा लगाएंगे वही दूसरी तरफ देशभर के सभी धरनास्थलों पर काली पगड़ी व चुनरी पहनेगें और धरनास्थलों के अलावा गांवों में पीएम का पुतला फूंका जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि किसानों की मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। वहीं काला दिवस मनाने के लिए काफी किसान दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुंच रहे हैं।
किसानों के काले दिवस पर विपक्षी दल भी एकमत नजर आ रहे हैं। सभी विपक्षी दलों ने किसानों के काले दिवस को समर्थन देने की घोषणा की। साथ ही निर्णय किया है कि किसानों के साथ वह भी कृषि कानूनों के विरोध में काला झंडा फहराएंगे। नेताओं ने कार्यकर्ताओं से किसानों को समर्थन देने का आह्वान किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कि कहा कि वे केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि बिना देरी कृषि से संबंधित तीनों कानून वापस लिए जाएं। नरेंद्र मोदी सरकार जबरदस्ती कानून लागू कर रही है, जबकि कृषि से संबंधित किसानों और मजदूरों और कृषि वैज्ञानिक भी कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन कानूनों का किसान, मजदूर और कृषि वैज्ञानिक विरोध कर रहे हैं, भाजपा की केंद्र सरकार को उन्हें थोपने की जिद नहीं करनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों के देशव्यापी काले दिवस का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ बीएसपी कार्यकर्ता व नेतृत्व 26 मई को अपने घरों पर काला झंडा फहराएंगे।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी मनाएगा रोष दिवस
जानकारी के मुताबिक किसानों एवं ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी 26 मई को रोष दिवस में भागीदारी करेगा। संघ के राज्य प्रधान सीएन भारती, महासचिव जगरोशन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, उपमहासचिव प्रभु सिंह, संगठन सचिव धर्मेंद्र ढांडा ने कहा कि महामारी के विकट दौर में प्रदेश के शारीरिक शिक्षक एक वर्ष से सड़क की धूल फांक रहे हैं।
सरकार नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए इन शारीरिक शिक्षकों को शीघ्र समायोजित करे। कला अध्यापकों को भी शीघ्र कार्य ग्रहण करवाया जाए। शिक्षक इस महामारी में अन्य कर्मचारियों के साथ अग्रिम मोर्चे पर सहयोग कर रहे हैं। शिक्षकों को भी करोना योद्धा का दर्जा दिया जाए।