May 20, 2024

लोकसभी चुनाव के बीच में ही भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने दिया इस्तीफा

Rewari/Alive News: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष रह चुके सूरजपाल अम्मू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हैं। सूरजपाल अम्मू ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भेजा है। इसमें अम्मू ने लिखा कि पार्टी में क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देते देख व्यथित और उद्वेलित हूं।

बता दें कि 1985 में हरियाणा में छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक केरियर शुरू करने वाले सूरजपाल अम्मू 1985 में ABVP में आए थे। इसके बाद वह बीजेपी में रहते हुए मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष और फिलहाल में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थे। लेकिन सूरजपाल अम्मू के अचानक इस्तीफा देने से खासकर गुरुग्राम में पार्टी को नुकसान होगा। अम्मू काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। उनकी पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा से काफी नजदीकियां रही है। पार्टी के ये दोनों नेता भी फिलहाल एक तरह से पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं।

इस्तीफे में लिखी अहम बातें

  1. पद्मावत फिल्म के विरोध का जिक्र किया

अम्मू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिखा- मैंने पार्टी में कई अहम पदों पर रहते हुए निष्काम एवं पूर्ण निष्ठा के साथ पार्टी एवं राष्ट्र की सेवा की है, किंतु विगत कुछ वर्षो से एक क्षत्रिय होने के नाते अंतर्मन से पार्टी को क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देते देख व्यथित एवं उद्वेलित हूं। मैंने देखा पद्मावत फिल्म के समय संजय लीला भंसाली द्वारा जब क्षत्रिय समाज की भावनाओं से खिलवाड़ करने का दुस्साहस किया तब क्षत्रिय मान सम्मान को बचाने के लिए सड़कों पर प्रजातांत्रिक तरीके से अहिंसक आंदोलन कर रहे थे, तब उन पर जबरन मुकदमे दर्ज कर हमारे हजारों नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने वाली कार्रवाई भाजपा शाषित प्रदेशों में युद्ध स्तर पर की गई।

  1. क्षत्रिय समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम किया

बार-बार पार्टी पदाधिकारियों से वार्ता के बाद भी आज तक उक्त मुकदमें वापस नहीं लिए गए, जो कि अत्यंत ही खेद जनक है। हरियाणा के गुरुग्राम जिले में राजपूत समाज की जमीन पर जबरदस्ती सरकार द्वारा अधिग्रहण की कार्रवाई से भी समाज आक्रोश बना हुआ है। आज क्षत्रिय समाज का राजनैतिक प्रतिनिधित्व भी 2014 के पश्चात भारतीय जनता पार्टी में निरंतर कम किया जा रहा है। समाज के कद्दावर नेताओं को भी पार्टी से दरकिनार किया जा रहा है। वर्तमान में गुजरात के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के प्रत्याशी द्वारा दिवंगत क्षत्रिय माताओं-बहनों के चरित्र पर लज्जा जनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को पार्टी द्वारा टिकट दिया जाना संपूर्ण राष्ट्र के क्षत्रिय समाज को अपमानित करने जैसा कृत्य महसूस हो रहा है।

  1. 34 वर्षों तक पार्टी की निःस्वार्थ सेवा की

पार्टी के इस अनैतिक आचरण वाले प्रत्याशी को संरक्षण देने से अंतर्मन से आहत हूं। मैंने पार्टी की 34 वर्षों तक निःस्वार्थ सेवा की है। इसके बदले में कभी कोई टिकट या पद की अभिलाषा नहीं रखी, न ही पार्टी से कभी कुछ मांगा, परंतु समाज के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाने वालोंएवं लज्जाजनक टिपण्णियां करने वाले पार्टी के लोगों को संरक्षण देने क्रिया कलापों से आहत होकर आज मैं पार्टी के अपनी प्राथमिक सदस्यता से अपना त्याग पत्र प्रस्तुत कर रहा हूं, कृप्या इसे स्वीकार करें।