New Delhi/Alive News : 1947 में देश का विभाजन होने से करोड़ों लोग बेघर हो गए थे। विभाजन के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। इसी बात का जिक्र करते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है और मांग की है कि 14 अगस्त को होने वाले विभाजन विभीषका स्मृति दिवस को स्कूलों में छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम को शामिल किया जाना चाहिए और इसे पढ़ाया जाना चाहिए।
इसके अलावा भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने विभाजन की त्रासदी को स्कूलों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की भी मांग की है। भाजपा सांसद हरनाथ सिंह के अनुसार भारत विभाजन की विभीषिका विश्व इतिहास की सर्वाधिक क्रूरतापूर्ण घटना थी। जिसमे लगभग 10 लाख लोगों की जान गई। लगभग 70 लाख लोगों को अपना घर बार जमीन ज्यादा छोड़ना पड़ा और माताओं एवं बहन बेटियों की इज्जत लूटी गई। विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष मनाने से भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना कम होगी। इससे राष्ट्रीय एकता और मानवीय संवेदनाएं आदि भी मजबूत होंगी।
सांसद के अनुसार देश का विभाजन क्यों हुआ, विभाजन के पीछे पृष्ठभूमि क्या थी, विभाजन का दंश जो लाखों लोगों जो झेला वास्तव में उसकी हकीकत क्या थी, विभाजन के लिये कौन से लोग उत्तरदायी थे। लोगों के पास विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सटीक जानकारी देने के लिये कोई तथ्यात्मक साहित्य भी उपलब्ध नहीं है।
सांसद ने कहा कि सत्य तो यह है कि हम अभी भी उन्ही ऐतिहासिक तथ्यों पर निर्भर है जो यूरोपीय अथवा देश के कुटिल मानसिकता वाले इतिहासकारों ने अपने दृष्टिकोण से लिखे हैं। यही कारण है कि इतिहास की पुस्तको में विभाजन के इतिहास की त्रासदी को दो – चार पक्तियों या एक दो पैराग्राफ में समेट दिया है। यह भी सत्य है कि इतिहास हमारे अतीत को जानने वर्तमान को समझने एवं भविष्य को सुधारने का सबसे सरल माध्यम होता है।
सम्पूर्ण चित्र को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए
उन्होंने आगे लिखा कि उनकी दृष्टि में विश्व की सर्वाधिक क्रूरतम घटना का सम्पूर्ण प्रमाणिक ज्ञान भारत की वर्तमान व भविष्य की पीढ़ी को अवश्य होनी चाहिये। यह तभी सम्भव है जब विभाजन की विभीषिका का तथ्यात्मक सम्पूर्ण चित्र इतिहास के पाठ्यक्रम में जोड़ा जायेगा और बच्चों को पढ़ाया जायेगा।