Chandigarh/Alive News: चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में मंगलवार को विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी, जो कि मवाली और गुंडों से भी बुरा व्यवहार कर रहे थे, ने लाठी तंत्र के इस्तेमाल पर सांसद और कांग्रेस महासचिव, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। सुरजेवाला ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि नायब सैनी सरकार की शह पर विश्वविद्यालयों के भाजपाई वीसी मेधावी छात्रों के सिर फुड़वा रहे हैं और शरीर तुड़वा रहे हैं।
यहां जारी बयान में रणदीप ने सरकार से सवाल किया कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी स्कॉलरशिप बहाली की मांग कर रहे छात्रों पर हमला करने का अधिकार यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारियों को किस कानून के तहत दिया गया? सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पिछलग्गू भाजपाई वीसी और रजिस्ट्रार के आदेशों पर छात्रों पर किया गया लाठीचार्ज एक आपराधिक कृत्य है और इसके लिए यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार तथा सुरक्षा इंचार्ज को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए।
रणदीप ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार ये कह रहे हैं कि भाजपा सरकार लगातार इस देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करके तानाशाही कायम कर रही है तथा जनता के अधिकारों को खत्म कर रही है। भाजपा की तानाशाही का इससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा कि पुलिस के साथ-साथ अब तो यूनिवर्सिटीज के सुरक्षाकर्मी भी जनरल डायर बनकर लाठियां भांज रहे हैं। छात्रों पर हुए हमले में 20 से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इतना बड़ा हमला मुख्यमंत्री नायब सैनी की शह के बिना अकेला वीसी नहीं करवा सकता।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बने ग्यारह साल होने वाले हैं। इन ग्यारह सालों में भाजपा के आलीशान दफ्तर तो हर शहर में बन गए हैं लेकिन, इन्होंने हमारे बने-बनाए शिक्षण संस्थान तबाह कर दिए। अब तो हालात ये हो गए हैं कि मेधावी छात्रों को सुविधाएं देना तो दूर की बात, वज़ीफ़े का अधिकार क़ायम रखने की मांग पर भी उन्हें लाठियों से पीटा जा रहा है।
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साढ़े दस साल में भाजपा ने सैंकड़ों स्कूल बंद कर दिए। कॉलेजों में ना स्टाफ पूरा है और ना ही बच्चे हैं। यूनिवर्सिटीज में पिछले 10 साल में एक भी कोर्स सरकारी खर्च पर शुरू नहीं किया गया है। सब कुछ सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम के अंतर्गत चलाया जा रहा है। यूनिवर्सिटीज में रिसर्च की सुविधाएं सिकुड़ रही हैं और पीएचडी की फीस लाखों में पहुंच गई है।
आज हालात ये हैं कि वित्तीय संकट दिखाकर छात्रों की स्कॉलरशिप काटने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि जब से यह विश्वविद्यालय बना है एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थियों को 75% से अधिक अंक लाने पर छात्रवृत्ति मिलती रही है। यह छात्रवृत्ति प्रदेश में वैज्ञानिक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वस्तरीय तकनीक विकसित करने और विशेषज्ञ तैयार करने के उद्देश्य से छात्रों को प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है ताकि गरीब कमजोर परिवार का बच्चा भी कृषि वैज्ञानिक बन सके लेकिन, भाजपा को इन युवा प्रतिभाओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति की यह व्यवस्था भी मंजूर नहीं।
सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से माग की कि मुख्यमंत्री महोदय लतीफेबाजी छोड़कर कुछ रचनात्मक काम करें। प्रदेश की यूनिवर्सिटीज की सरकारी ग्रांट में हर साल जो कटौती की जा रही है उसे बंद करके विश्वविद्यालयों के लिए उचित धन, स्टाफ, संसाधन और भवनों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। विश्वविद्यालयों में वीसी रजिस्ट्रार के पदों पर पढ़े लिखे और बुद्धिजीवी लोगों की नियुक्ति की जाएं और इन पदों पर बोझ बन चुके आरएसएस के माध्यम से नियुक्त इन नकारा लोगों को चलता किया जाए। सुरजेवाला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वीसी, रजिस्ट्रार तथा सुरक्षा इंचार्ज की तुरंत गिरफ्तारी हो और छात्रों की छात्रवृत्ति बहाल की जाए, घायल छात्रों के इलाज की उचित व्यवस्था की जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
रणदीप ने कहा कि छात्रवृत्ति का मामला केवल हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तक ही सीमित नहीं है प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में रिसर्च के छात्रों को मिल रही यूआरएस भी अब ऊंट के मुंह में जीरा बन चुकी है। सभी विश्वविद्यालयों में यूनिवर्सिटी रिसर्च स्कॉलरशिप की संख्या दुगुनी की जाए और इसकी राशि जेआरएफ के बराबर की जाए।