Sambhal/Alive News: उत्तरप्रदेश के संभल हिंसा में सोमवार को एक बड़ा खुलासा हुआ। जिसमें पता चला कि जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान माहौल बिगड़ने के डर से पहले ही स्थानीय प्रशासन ने दूसरे जिलों की फोर्स बुला ली थी। जामा मस्जिद के आस-पास के इलाका की कमान अमरोहा एएसपी के कब्जे में रही। ये वही इलाका है जहां हिंसा हुई है। आपको बता दें कि जुमे से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन सतर्कता बरत रहा था, पोस्ट करने वाले आरोपी युवक को गिरफ्तार करने के साथ ही कई लोगों को मुचलकों में पाबंद किया गया था, साथ ही शहर में भारी पुलिस, पीएसी और आरआरएफ तैनात की गई थी।
शहर में बिगड़ते हालातों को काबू पाने के लिए पुलिस ने नगर कोतवाली को मुख्य बिंदु बनाया। इसके बाद जैसे ही माहौल बिगड़ने की सूचना मिली तो तुरंत फोर्स ने दौड़ लगा दी। इस दौरान भीड़ में पुलिस प्रशासनिक अमले पर पत्थर के अलावा जूते-चप्पल भी फेंके। रुक-रुक कर करीब तीन घंटे तक बवाल मचा रहा। पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
जामा मस्जिद के नजदीक बवाल के दौरान हजारों लोगों की भीड़ थी। पथराव करने के लिए भीड़ ने उन ईंटों को हथियार बनाया जो जामा मस्जिद के आसपास मकानों के निर्माण के लिए लोगों ने लाकर रखी थीं। हजारों ईंटों को पत्थरबाजों ने बर्बाद कर दिया और जो ईंटें बचीं वह नगर पालिका की टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले गई।
उपद्रवियों ने जामा मस्जिद के पीछे एक कार को फूंक दिया। इस कार की लपटें जब बिजली के तारों तक पहुंची तो तार जलने लगे। बिजली आपूर्ति सुचारु होने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। करीब 10 मिनट तक बिजली के तारों में आग जलती रही। इस दौरान पुलिस को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े। दमकल की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू किया।
उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही उनके वाहनों में भी आग लगा दी। इसमें बहजोई थाने के दरोगा विकास कुमार और हयातनगर थाने में तैनात दरोगा किशन कुमार की बाइक भी शामिल थी। दोनों ही दरोगा बाइकों को जलता हुआ देखकर भावुक हो गए। दोनों दरोगाओं ने बताया कि वह ड्यूटी के लिए आए थे। जामा मस्जिद के नजदीक ही फोर्स तैनात थी और वहीं बाइकों को खड़ा कर दिया था, लेकिन उपद्रवियों ने बाइकें फूंक दीं।
हिंसा का शिकार युवकों के परिजनों ने पुलिस की गोली से मौत होने की बात कही है। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि तीन युवकों में दो की मौत गोली लगने से हुई है, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। तीसरे युवक की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। कमिश्नर के मुताबिक घायलों में डीआईजी, संभल के डीएम, एसपी और एसडीएम भी शामिल हैं।