Faridabad/Alive News: नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस(निसा) के वकील ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि याचिकाकर्ता से संबद्ध स्कूलों को सरकार से कोई सहायता अनुदान नहीं मिलता है और वे आरटीआई की धारा 2 (एच) के संदर्भ में सार्वजनिक प्राधिकरण की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह 5 मई तक मान्यता रद्द करने के संदर्भ में निसा और उसके घटक स्कूलों के खिलाफ कोई भी कठोर कदम नहीं उठाए। एचसी निसा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसने अपने वकील एडवोकेट पंकज मैनी के माध्यम से निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, हरियाणा द्वारा आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को सूचना प्रदान करने का निर्देश दिया था।
निसा एजुकेशन के वकील ने एचसी के समक्ष तर्क दिया कि याचिकाकर्ता से संबद्ध स्कूलों को सरकार से कोई सहायता अनुदान नहीं मिलता है और वे आरटीआई की धारा 2 के संदर्भ में सार्वजनिक प्राधिकरण की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते हैं। स्कूलों को निजी संस्थानों के रूप में चलाया जा रहा है। स्कूलों ने सरकार से किसी भी रियायती दर पर जमीन नहीं खरीदी है।