Babain Alive News : स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने व किसान का पूरा कर्ज माफ करवाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने 11 अगस्त को ढांड (कैथल) मेें आयोजित होने वाली रैली को के बारे में विचार विर्मश करने के लिए भाकियू की बैठक का आयोजन गांव गुढ़ा में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता जयपाल गुढ़ा ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसान बचाओं रैली को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुखविंद्र ङ्क्षसह भूखड़ी ने कहा कि इस रैली को कामयाब बनाने के लिए भाकियू की ओर से पूरेे प्रदेश के किसानों से संपर्क साध रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले देश के किसानों से अपने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था कि सत्ता में आते ही भाजपा स्वामी नांथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करेगी।
29 जनसभाओं में भाजपा के नेताओं ने खुले आम स्वामी नांथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा अपना वायदा भुल गई। सरकार ने स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से साफ मना कर दिया है। जिससे सरकार का वायदा खोखला साबित हुआ है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर भाकियू ने प्रदेश स्तर पर अभियान छेड़ दिया है। जिसकी शुरूआत 11 अगस्त को ढांड से की जा रही है। ढांड में आयोजित इस रैली में पूरे प्रदेश के लाखों किसान भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करें।
अन्यथा सरकार किसानों का पूरा कर्ज माफ करें। उन्होंने कहा कि 2007 में स्वामीनाथन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी लेकिन इस रिपोर्ट को आज तक सरकार ने लागू नहीं किया। चुनावों से पहले भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार में कपड़े उतारकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए सडक़ों पर आंदोलन करते थे। अब सत्ता मिली तो भाजपा के नेता स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने की बजाए सत्ता का सुख भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 15 अगस्त से पहले स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे।
अन्यथा स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश के नाम अपने संबोधन में किसान का जिक्र न करें। जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होगी तो ऐसे में प्रधानमंत्री का किसानों के बारे में जिक्र करना बेकार है। इस अवसर पर ब्लॉक प्रधान लाल ङ्क्षसह, जिला ङ्क्षसह गुढ़ा, राजेंद्र ङ्क्षसह, सलिंद्र ङ्क्षसह, सतनाम ङ्क्षसह भूखड़ी, सुबे ङ्क्षसह, रामस्वरूप, दिनेश कुमार, गुरबाज ङ्क्षसह, अजैब ङ्क्षसह बड़तौली, तेजपाल, कमल व अन्य किसान मौजूद रहे।