पटना 28 अप्रैल : चिलचिलाती गर्मियों में बिहार में आग की वजह पिछले दो हफ्तों में करीब 66 लोग और 1200 जानवरों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने इससे निपटने का विचित्र समाधान खोजा है, खाना न बनाएं।
सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खाना बनाने की इजाजत नहीं
यहां के इलाकों में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खाना बनाने की इजाजत नहीं है, अगर किसी ने यह नियम तोड़ा तो उसे 2 साल की जेल हो सकती है। आग से जुड़े धार्मिक कार्यक्रमों पर भी बैन लगा दिया गया है।
नीतीश सरकार का तर्क
नीतीश कुमार सरकार का तर्क है कि खाना पकाने के दौरान चूल्हे में जल रही आग से चिंगारी हवाओं में उड़कर झोपड़ियों में आग लग रही है।
दो दिन पहले 300 झोपड़ियां हुईं जलकर खाक
ताजा घटना बेगूसराय की है, जहां दो दिन पहले 300 झोपड़ियां जलकर खाक हो गई थीं। मुद्दा यह है कि सैकड़ों का जीवन खतरे में है। यह आदेश एक विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर दिया गया है, जो कि ये आग कैसे शुरू होती है पर आधारित था।’मैंने आग के कारण अपना घर खोया’ हाल ही में आग में अपनी झोपड़ी को गंवाने वाले बिहार के जहानाबाद के सतेंदर ने कहा कि यह ठीक लगता है, लेकिन बात यह है कि कितने लोग इसका पालन करेंगे। लोग कई व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। हां, ये सच है कि मैंने अपना घर आग में खोया है और यह आग किसी के खाना बनाने के दौरान भड़की थी।
पुलिस का बयान
इस गांव के पुलिसवालों का कहना है कि इस तरह के आदेश को लागू करना कठिन है, लेकिन सजा के डर से गांव वाले खुद ही इस नियम का पालन करेंगे।