Kolkata/Alive News : पड़ोसी देश बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन से सरकार का तख्तापलट होने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी छात्र गर्मा रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम तरीके से हत्या करने के मामले में छात्र संगठन ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकाल रहे हैं। इस प्रदर्शन को लेकर कोलकाता में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया और ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकाला। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
आरजी कर मामले में ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड पर चढ़ गए। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए और बैरिकेड तोड़ दिए। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सह वाइस प्रिंसिपल सप्तर्षि चटर्जी ने कहा, ‘सीबीआई की टीम सभी दस्तावेज और कंप्यूटर, हार्ड डिस्क देखने मेरे कार्यालय आई थी। उन्होंने जब्त कर लिया और सभी सामानों को ले गए और हमें एक जब्ती सूची दी। मैं कल सीजीओ कॉम्प्लेक्स में अपने हस्ताक्षर प्रमाणित करने गया था जो पहले से ही सभी दस्तावेजों पर थे। हर दिन हम छात्रों से बात करते हैं और संकाय सदस्य अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं ताकि मरीजों को परेशानी न हो। मुझे लगता है कि आरजी कार धीरे-धीरे सामान्य जीवन में वापस आ रहे हैं क्योंकि मरीज की संख्या जो लगभग 100 थी, अब 1000 को पार कर गई है। ओपीडी और इमरजेंसी सहित सभी विभाग काम कर रहे हैं।’
सुरक्षा उपाय के तौर पर हावड़ा ब्रिज पर बैरिकेड्स को वेल्ड करके एक साथ जोड़ा जा रहा है।
छात्र संगठनों ने नबन्ना मार्च शुरू कर दिया है। आरजी कर मामले को लेकर हावड़ा के संतरागाछी में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुटे हैं।
कोलकाता के हेस्टिंग्स में फोर्ट विलियम के पीछे के चेक गेटों पर नागरिक स्वयंसेवकों द्वारा ग्रीसिंग की जा रही है, ताकि प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड्स पर चढ़ने से रोका जा सके।
‘नबन्ना अभियान’ रैली पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के छात्र समुदाय द्वारा घोषित शांतिपूर्ण विरोध और सरकार के कुछ निर्देशों द्वारा विरोध को दबाने की खबरों के संदर्भ में, मैं सरकार से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कड़े फैसले को याद रखने का आग्रह करूंगा। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पश्चिम बंगाल राज्य की शक्ति का दुरुपयोग न होने दें। लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता है, खामोश बहुमत नहीं। इसे याद रखें।’
प्रदर्शन से पहले पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए क्षेत्र में वज्र वाहनों, पानी की बौछारों और दंगा नियंत्रण बल को तैनात किया है। वहीं सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए कंटेनर रखे गए हैं।
‘नबन्ना अभियान’ नाम से आयोजित इस प्रोटेस्ट मार्च में राज्य सचिवालय बिल्डिंग नबन्ना का घेराव किया जाएगा, जहां से पश्चिम बंगाल की सरकार चलाई जाती है। इसी भवन में पश्चिम बंगाल की सीएम और उनके शीर्ष मंत्री बैठते हैं। कोलकाता पुलिस ने इस मार्च के हिंसक होने की आशंका जताते हुए पूरे महानगर को छावनी में बदल दिया है। पूरे शहर में करीब पांच हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है।
सुरक्षा व्यवस्था में कोलकाता और बंगाल पुलिस के करीब 4,500 जवान लगाए गए हैं। आईजी और डीआईजी रैंक के 21 अधिकारी तैनात रहेंगे। 13 एसपी या डीसी रैंक के अधिकारी मौजूद रहेंगे। साथ ही एडीसीपी या एसपी रैंक के 15 अधिकारियों को भी नवान्न एवं आसपास के इलाकों में तैनात किया जाएगा। साथ ही 22 एसीपी या डिप्टी एसीपी रैंक के अधिकारियों और 26 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के साथ दो हजार से अधिक पुलिसकर्मी नवान्न और आसपास के इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालेंगे।