September 19, 2024

खराब स्लीपिंग पैटर्न से महिलाओं में पैदा होती है बीमारी, इन तरीकों से करें सुधार

Lifestyle/Alive News : भागती-दौड़ती जिंदगी में इन दिनों लोगों को सुकून के कुछ पल भी बड़ी मुश्किल से मिल पाते हैं। काम का प्रेशर और निजी जीवन की अन्य जिम्मेदारियां लोगों के कंधे झुकाने लगी हैं। ऐसे में खानपान के अलावा उनकी नींद भी काफी प्रभावित होने लगी है। खासकर महिलाएं अक्सर नींद की कमी से परेशान रहती हैं। घर के कामकाज और ऑफिस वर्क की वजह से अक्सर उनका स्लीप पैटर्न बिगड़ने लगता है, जिसकी सीधा असर उनकी सेहत पर देखने को मिलता है।

नींद की कमी के कारण शारीरिक स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी काफी प्रभावित होता है। इसकी वजह से महिलाएं अनिद्रा और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार होने लगती हैं। ऐसे में सेहत दुरुस्त बनाने के लिए स्लीपिंग पैटर्न को सुधारना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनकी से आप अपना स्लीपिंग पैटर्न सुधार सकती हैं।

इन तरीकों से सुधारें अपना स्लीपिंग पैटर्न-
सुबह ब्रेकफास्ट में कम से कम 30 ग्राम प्रोटीन के साथ संतुलित मात्रा में कार्ब्स और फैट का सेवन करें।
सुबह सो कर उठने पर सुबह की धूप लें। इससे शरीर की स्लीप वेक साइकिल बैलेंस होती है और सर्केडियन रिथम नेचर से जुड़ कर संतुलित बनी रहती है।
सुबह की धूप मूड को अच्छा रखने, एक्टिव और अलर्ट रहने के साथ ही अच्छी स्लीप क्वालिटी के लिए भी जरूरी है।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। प्रतिदिन 8000 स्टेप्स का लक्ष्य रखें और वेट लिफ्टिंग करें। इससे जल्दी और गहरी नींद आती है, तनाव कम होता है और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है।
रात में सोते समय अंधेरे में मोबाइल या स्क्रीन वाली ब्लू लाइट का इस्तेमाल करने से बचें।
रात में हल्का डिनर लें। ज्यादा खाना खाने से उसे पचाने के लिए भी ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ती है। इसका मतलब ये हुआ कि जब सर्केडियन साइकिल की शुरुआत होनी चाहिए थी, उस समय इसे मेहनत करना पड़ेगा, जिससे नींद प्रभावित होगी।
सोने से पहले 5 मिनट की जर्नलिंग और ब्रीथ एक्सरसाइज करने से सुकून की नींद आती है।