New Delhi/Alive News: बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का गौना उत्सव आज शुरू हो रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पास टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत आवास पर गौरा के हल्दी तेल की रस्म निभाई जाएगी। वहीं वाराणसी में 14 मार्च को रंगभरी एकादशी पर श्रीकाशी विश्वनाथ का गौना शहर भर में बाजा, बारात और भूतनाथ के साथ निकलेगा। बाबा विश्वनाथ अपने गणों के साथ अपनी ससुराल पहुंचेंगे तो 14 मार्च को ससुराल से मां गौरा की विदाई कराएंगे। इस दिन स्वयं शंकर भगवान भक्तों के साथ होली खेलेंगे।
इस दिन श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत पूरी काशी चिता भस्म की होली खेलेगी। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर स्वयं भूतभावन अड़बंगी बनकर जली हुई चिता से राख उठाकर लोगों पर डालेंगे। चिताओं की बुझी लकड़ियाें पर जमकर तांडव होगा और इसे देखने कई देशों के लोगों की भीड़ उमड़ती है। यह रस्म पिछले 364 साल से निभाई जा रही है।
शिवांजलि होगा सबसे खास
मिली जानकारी के मुताबिक रंग भरी एकादशी कार्यक्रम का मंच श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास के पास एक खुले स्थान पर बनाया जाएगा। यहां पर बाबा विश्वनाथ पर आधारित पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शिवांजलि का आयोजन किया जाएगा। शिवांजलि में देश विदेश में अपनी खास पहचान रखने वाले कलाकारों की हाजिरी लगेगी।
शिवांजलि और प्रवेश-निकास की नई व्यवस्था लागू
आज से बाबा के गौना उत्सव के नियमित होने वाले लोकाचार शुरू हो गए हैं। लोकोत्सव में भीड़ प्रबंधन के लिए इस वर्ष विशेष व्यवस्था की गई है। भगवान शिव की चल प्रतिभा के दर्शन के लिए प्रवेश और निकास अलग-अलग रास्ते से होंगे। 14 मार्च को रंगभरी एकादशी के उत्सव में शामिल होने वालों को कन्हैया चित्र मंदिर और सेंट्रल होटल के सामने वाली गली से प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन करने के बाद भक्तों की निकासी महंत आवास के बगल वाले आवास के परिसर से भंडारी गली की की ओर होगी।