Faridabad/Alive News
दस का सिक्का न लेने वाले दुकानदार व सवारी गाड़ी चालक सावधान हो जाए, क्योंकि अब रिजर्व बैंक ने भारतीय मुद्रा के बहिष्कार के मामले पर सख्त रूख अपना लिया है और सभी राज्यों को हिदायत दी जा चुकी है कि भारतीय मुद्रा का बहिष्कार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करें। आरबीआई रूलिंग के अनुसार दस का सिक्का न लेने वाले व्यक्ति पर भारतीय मुद्रा के बहिष्कार के मामले में 17 साल की सजा या 20 हजार रूपयों का जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती हैं।
त्यौहार के समय बाजार गर्म है ऐसे में कुछ दुकानदार दस के सिक्के को लेने से मना कर रहे हैं और ग्राहक इससे काफी परेशान है। इस तरह दुकानदारों द्वारा भारतीय मुद्रा का बहिष्कार किया जा रहा हैै। इस तरह की शिकायते फरीदाबाद से भी ग्राहकों द्वारा आरबीआई को की जा रही है।
पाठकों को बता दें कि दस का सिक्का न लेने वाले दुकानदारों पर भारतीय मुद्रा का बहिष्कार करने के मामले में यूपी फैजाबाद डीएम ने कार्यवाही करते हुए 14 दूध की डेरी, 6 इलेक्ट्रौनिक दुकाने, 8 सर्राफा की दुकाने, 16 सब्जी की दुकाने, 5 किराना की दुकाने व मेडिकल स्टोर सील किए हैं। इन दुकानदारों पर आरोप दस का सिक्का न लेने का था। इस पर ग्राहकों ने जिस भी दुकानदार के खिलाफ शिकायत दी, डीएम ने उन्हीं दुकानों को सील कर दिया।
ग्राहकों को बताना चाहते है कि कोई भी दुकानदार, बस कन्डेक्टर, ऑटो चालक, बैंक कैशियर या कोई भी व्यक्ति भारतीय मुद्रा दस के सिक्के का बहिष्कार करता है। तो उसकी शिकायत जिला उपायुक्त, एसडीएम और पुलिस थाने में की जा सकती है। और मुद्रा ने लेने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय मुद्रा का बहिस्कार करने पर 17 साल की सजा या 20 हजार रूपयों का जुर्माना या फिर दोनों के साथ-साथ सजा भी हो सकती है।
दस के सिक्के के बंद होने की अफवाह पर क्या कहते हैं सरकारी बैंकों के मैनेजर
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक, एच. एल. मीणा का कहना था कि दस रुपए का सिक्का चलन से बाहर नहीं है। भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत दस रुपए का सिक्का मान्य है। कोई लेने से आनाकानी करे तो उसके खिलाफ संबंधित थाने में तत्काल शिकायत दें या कानूूनी कार्रवाई कराएं।