Alive News/Poonam Chauhan : छठ पर्व को लेकर स्वादिष्ट और रसीले फलों ने अपनी कड़वाहट दिखानी शुरू कर दी है। ट्रांसपोर्ट की हड़ताल खत्म होने के बावजूद फलों के रेट में कमी होने की बजाए बढ़ोत्तरी जारी है। आम जनता की जेब पर भारी पडऩे वाले फलों ने लोगों के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है। फलों के रेट एक बार फिर से सातवें आसमान पर जा पहुंचे है और लोगों को इस बार छठ पर्व पर कुछ ही फलों से काम चलाना होगा।
पूर्वी भारत का लोकप्रिय त्यौहार छठ जोकि दीपावली के 6 दिन बाद मनाया जाता है और इस पर सूर्य देवता को कई तरह के फलों और पूजा की ढ़ेरो सामग्री से अर्घ्य दिया जाता है। इसी का फायदा व्यापारी वर्ग उठाने की कोशिश कर रहे है। छठ के आगमन के साथ ही फलों के रेट महंगे हो गए है। फलों के रेट में 20 से 30 प्रतिशत तक इजाफा देखने को मिल रहा है। नोटबंदी और जीएसटी ने पहले ही लोगों की कमर तोड़ रखी है, ऐसे में त्यौहारी मौसम में यह महंगाई लोगों पर काफी भारी पडऩे वाली है। आपको बता दें मार्किट में सेब 100 से लेकर 160 रूपए किलो के हिसाब से बिक रहा है।
– फलों के रेट में बढ़ोत्तरी
फल पुराने रेट नए रेट
सेब 80 रूपए किलो. 100 से 160
अनार 80 रूपए किलो. 100
तरबूज 15 रूपए किलो. 25
मौसमी 30 रूपए किलो. 50
संतरा 40 रूपए किलो. 60
नारियल 40 रूपए किलो. 60
अनानास 60 रूपए किलो. 80
अमरूद 20 रूपए किलो. 30
बेर 60 रूपए किलो. 80
पपीता 40 रूपए किलो. 60
सिंघाड़ा 40 रूपए किलो. 60
खरबूजा 20 रूपए किलो. 40
चीकू 30 रूपए किलो. 50
बब्बूबोसा 20 रूपए किलो. 40
केला 20 रूपये दर्जन 40 रूपये दर्जन
– क्या कहते है पूर्व प्रधान
मण्डी में फ्रूट के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है लेकिन छोटे-मोटे दुकानदार व रेहड़ी वालों ने अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मनमाने रेटों पर फ्रूट बेच रहे है। त्यौहार के कारण लोगों को मजबूरी में फल खरीदने पड़ रहे है।
– कुलदीप रत्रा (राजू आढ़ती), पूर्व प्रधान डबुआ मण्डी।