November 25, 2024

एएससीआई ने जारी किया दिशा- निर्देश, विज्ञापन में लैंगिक चित्रण को बढ़ावा देने पर लगेगी रोक

New Delhi/Alive News : एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने विज्ञापनों में लैंगिक चित्रण को बढ़ावा देने पर रोक लगा ने की मांग की है। एएससीआई के अनुसार यह समाज के लिए हानिकारक है। वहीं विज्ञापनों में दिखाए जाने वाले चित्रों की एक सीमा भी तय कर दी है। मुख्य रूप से महिलाओं से संबंधित सभी मामलों में इसका पालन करना होगा।

उदाहरण के तौर पर अगर कोई ऑन लाइन सेवा लेता है और उसमें महिला को फास्ट फूड आइटम के पीछे आधे वस्त्र में उत्तेजक मुद्रा के रूप में दिखाया जाता है तो यह एक गलत या समस्या वाला विज्ञापन हो सकता है। इसने कहा है कि भले ही यौन रूप से छवि स्पष्ट न हो, पर ऐसे विज्ञापनों की कोई प्रासंगिकता नहीं होती है।

इसको केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को जारी किया था। इसके अनुसार किसी भी लिंग के लिए अपमानजनक भाषा या लहजे के जरिये दूसरों पर अधिकार जमाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही विज्ञापन लिंग के आधार पर हिंसा (शारीरिक या भावनात्मक), गैरकानूनी या असामाजिक व्यवहार को बढ़ावा नहीं दे सकते।

एएससीआई ने कहा कि भले ही यह निर्देश महिलाओं से संबंधित है, पर अन्य लिंग वालों के गलत चित्रण में भी यह लागू होगा। इसने कहा कि भाषा के उपयोग या विजुअल के मामले में यह वहां भी लागू होगा, जहां उत्पाद इससे संबंधित नहीं हैं। दिशानिर्देश में कहा गया है कि विज्ञापनों में लैंगिक आधार पर लोगों का मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए।