November 16, 2024

पलवल जिले में हुआ पच्चीस हजार दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान

Vikarm Vashist/Alive News

Palwal : पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान जिला क्षेत्र में कुल 25471 दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गयाडीसी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन एक लाभकारी सहायक कृषि कार्य है। सिमांत किसानों, बेरोजगार युवाओं को पशुपालन का व्यवसाय अपनाना चाहिए। पशु चिकित्सकों की सलाह से पशुपालन करें। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं।

पशु चिकित्सकों की सलाह पर अपने पशुओं में रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर टीकाकरण करवाएं। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उपनिदेशक डॉ. जयंती प्रसाद ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पलवल जिला क्षेत्र में कुल 25471 दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया। जिनमें कुल 18340 भैंस व कुल 7131 गाय शामिल हैं। जिला क्षेत्र में कुल 34200 पशुओं को गलघोटु से बचाव के टीके लगाए गए। भेड़माता रोग से बचाव के लिए कुल 1000 भेड़ों को टीके लगाए गए। इसी प्रकार कुल 1700 पशुओं को इन्टीरो टॉक्सिनिया वैक्सिनेशन किया गया।

उप निदेशक ने बताया कि 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के दौरान जिला क्षेत्र में 09 दुधारू यूनिट स्थापित की गई। समेकित मुर्रा विकास योजना के अंतर्गत हरियाणा नस्ल की 12, साहीवाल नस्ल की 8 गायों का चयन किया गया। पशुओं के बांझपन के ईलाज के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 19 शिविर लगाए जा चुके हैं।

देसी गायों की मिनी डेयरी योजना के तहत गाय की देशी नस्लों के संरक्षण एव विकास तथा राज्य में गौसंर्वद्धन को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान देशी नस्ल की 3 व 5 गायों की डेरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान गायों के खरीद मूल्य पर दिया जा रहा है।