December 24, 2024

जिले में ड्रग्स कन्ट्रोल के लिए हुई बैठक, नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Faridabad/Alive News: राष्ट्रीय बाल संरक्षण कमीशन ने वीसी के जरिये फरीदाबाद जिला में कोपटा और ड्रग्स कन्ट्रोल के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। समीक्षा वीसी के बाद सीइओ जिला परिषद आशिमा सांगवान ने बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए।

कोपटा की कानूनी हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये का जुर्माना तथा पांच साल तक जेल का प्रावधान किया गया है। सीइओ जिला परिषद आशिमा सांगवान ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि अब जिला में अवैध नशा बेचने वालों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करें। उन्होंने प्रशासनिक, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग कोटपा के नियमों की बेहतर पालना के क्रियान्वयन के लिए समीक्षा भी की।

कोटपा के ये नियम हैं

सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोटपा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। वहीं नियमानुसार होटल, रेलवे स्टेशन, राजकीय, निजी कार्यालय, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय सहित सभी सार्वजनिक स्थानों की सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबंधक अथवा प्रभारी द्वारा धूम्रपान नही होने देना चाहिए।

सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार ‘धूम्रपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर नोडल अफसर का नाम, फोन नंबर लिखा होना जरूरी है। सार्वजनिक स्थानों पर ऐश-ट्रे, लाइटर, माचिस इत्यादि धूम्रपान के प्रमाण पाए जाने पर तथा कू उत्पादों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड लगाना और टीवी चैनल पर प्रचार प्रसार के लिए, प्रथम उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है।

शैक्षणिक संस्थानों के लिए ये हैं नियम

सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना, उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता के लिए दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो तो अप्रैल 2016 प्रथम बार 2 वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई है।

इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम तथा/या 5000 रुपए तक जुर्माना अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना शामिल है। समीक्षा वीसी में एसीपी राजीव कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा,डी सीओ सन्दीप गुलिया, डी सीओ पूजा चौधरी सहित अन्य प्रशासनिक तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित रहे।