May 16, 2024

आराेपी की सशर्त जमानत, बांटने पड़ेंगे 15 दिन हेलमेट

Allahbad/Alive News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोड एक्सीडेंट में घायल दोस्त को गंभीर हालत में छोड़कर भाग जाने वाले आरोपी को सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने शर्त रखी है कि आरोपी को एम्स नई दिल्ली के गेट नंबर एक के बाहर रोजाना (सुबह 9 से 11 बजे तक) दो घंटे प्लेकार्ड लेकर खड़े रहना होगा। प्लेकार्ड में लिखा हो ‘हेलमेट पहनें और सुरक्षित ड्राइव करें’। हाईकोर्ट ने 15 दिन (1 मई से 16 मई) तक 15 हेलमेट बांटने का भी आदेश दिया है।

जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने ये फैसला सुनाया है। आरोपी शक्ति सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मई 2015 में जारी नोटिफिकेशन की 25 प्रतियां भी बांटने का निर्देश दिया है। यह नोटिफिकेशन बिना हेलमेट पहने एम्स नई दिल्ली कैंपस में आने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के संबंध में है।आदेश में यह भी कहा गया है कि दोषी को 26 अप्रैल 2023 को सुबह 10 बजे नई दिल्ली के हौज खास पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना होगा। हौज खास पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष को भी निर्देशित किया गया है कि आरोपी को एम्स नई दिल्ली गेट नंबर एक के पास तख्ती लेकर खड़े होने की व्यवस्था करें।

साथ ही निगरानी भी करें कि आरोपी 15 दिनों तक नियमित वहां खड़ा होकर लोगों को सड़क सुरक्षा और हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक करे। कोर्ट ने थानाध्यक्ष को निगरानी रिपोर्ट तस्वीर के साथ कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।मृतक के चाचा ने आरोपी शक्ति सिंह सहित 3 लोगों के खिलाफ मुजफ्फरनगर के पुरकाजी थाने में नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया था कि तीनों नामजद आरोपी मृतक के साथ दो बाइक पर दिल्ली से हरिद्वार जा रहे थे तभी रास्ते में यह दुर्घटना हो गई।

घटना के समय आरोपी शक्ति सिंह बाइक चला रहा था। जबकि उसका दोस्त (मृतक) पीछे की सीट पर बैठा था। जब एक्सीडेंट हुआ तो दोनों को चोटें आईं। हालांकि शक्ति सिंह को कम चोटें आईं। दोस्त को अधिक चोट आई थीं। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। जिसके बाद शक्ति सिंह ने अपने दोस्त की लाश वहीं छोड़ दी और बिना किसी को सूचना दिए फरार हो गया।

शक्ति सिंह की दलील थी कि उनके पास इलाज के पैसे नहीं थे, इसलिए वह भाग निकला। इस मामले में पुलिस ने चार्ज शीट दाखिल कर दी है।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब आरोपी ने देखा कि उसका दोस्त मर रहा है तो न केवल उसे छोड़कर भाग गए। बल्कि उन्होंने पुलिस या माता-पिता को भी जानकारी नहीं दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड में इस बात का भी जिक्र नहीं है कि दुर्घटना के समय मृतक और उसके तीनों दोस्तों ने हेलमेट पहने थे या नहीं।

कोर्ट ने दलील को सुनने के बाद कहा कि आवेदक और सह आरोपी धारा 304-2 के तहत ही दोषी ठहराए जा सकते हैं। लेकिन पुलिस की चार्जशीट में मौत के कारण का कोई ठोस सबूत नहीं है। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत दे दी।