November 17, 2024

एंटीबायोटिक्स दवाइयों से शरीर में हो सकती है ये 8 परेशानियां, न करें इस्तेमाल

New Delhi/Alive News : एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस (DGHS) ने भारत के सभी फार्मासिस्ट एसोसिएशन्स को लेटर लिखा है। इसमें फार्मासिस्ट्स से अपील की गई है कि वे एंटीबायोटिक की दवा डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन के बिना न दें।

देश में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बढ़ गया है, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसान है। इसी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले DGHS ने लेटर में डॉक्टर्स से अपील की गई है कि वे एंटीमाइक्रोबायल्स दवाओं को ज्यादा बढ़ावा न दें और आदेशों को प्रभावी रूप सुनिश्चित करें। एंटी माइक्रोबायल्स में एंटी सेप्टिक, एंटी बायोटिक,एंटी वायरल, एंटी फंगल और एंटी पेरासाइटिक दवाएं शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के लेटर में कहा गया है कि एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस (AMR) ग्लोबल तौर पर बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। एक अनुमान के मुताबिक, 2019 में लगभग 13 लाख मौतों के लिए बैक्टीरियल AMR सीधे तौर पर जिम्मेदार था। इसके अलावा 50 लाख मौतें ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन से हुई हैं।

दरअसल, 20वीं सदी के शुरुआत से पहले सामान्य और छोटी बीमारियों से भी छुटकारा पाने में महीनों लगते थे, लेकिन एंटीमाइक्रोबियल ड्रग्स (एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, और एंटीवायरल दवाएं) के इस्तेमाल से बीमारियों का तुरंत इलाज होने लगा।

एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बैक्टीरिया को मारने के लिए किया जाता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बार-बार एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर रहा है तो बैक्टीरिया उस दवा के खिलाफ अपनी इम्युनिटी डेवलप कर लेता है। इसके बाद इसे ठीक करना काफी ज्यादा मुश्किल होता है। इसे ही एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) कहते हैं।

1928 में हुई पहली एंटीबायोटिक दवा पेनिसिलिन की खोज
पहली एंटीबायोटिक दवा पेनिसिलिन की खोज 1928 में हुई थी। एंटीबायोटिक की खोज से पहले बैक्टीरियल इंफेक्शन के शिकार मरीजों को बचाना डॉक्टरों के लिए मुश्किल होता था। पेनिसिलिन की खोज ने इलाज के तौर-तरीके बदल दिए। तब से अब तक 100 से ज्यादा तरह की एंटीबायोटिक दवाएं बन चुकी हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

लिवर इन दवाओं को तोड़ता है। फिर वहां से खून के जरिए दवा शरीर में पहुंचती है और जहां बैक्टीरिया मिलते हैं, उन्हें मार देती है। पेनिसिलिन की तरह ही सेफैलेक्सिन, एजिथ्रोमाइसिन पॉपुलर एंटीबायोटिक दवाएं हैं।