Faridabad/Alive News: फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक मामला प्रकाश में आया है। सेक्टर 9 में 2 एकड़ जमीन पर पांचवी तक का सरकारी प्राइमरी स्कूल और हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 10 में आधा एकड़ जमीन पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल कार्यरत है।
सेक्टर 9 के प्राइमरी स्कूल में छात्रों की संख्या 180 है तो वहीं सेक्टर 10 के स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे “अंधेर नगरी चौपट राजा” यानि अंधा शिक्षा विभाग और चौपट जनप्रतिनिधि का एक सबसे बेहतरीन नमूना बताया है। मंच का कहना है कि सेक्टर 10 का स्कूल जितनी जगह में बना हुआ है शिक्षा नियमावली के नियमों के तहत उसमें सिर्फ मिडिल स्कूल ही चल सकता है। बिना देखे राजनीतिक कारणों से इसे सीथे बारहवीं तक अपग्रेड कर दिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग की इस लापरवाही के बारे में मंच की ओर से इन दोनों स्कूलों के क्षेत्र के विधायक नरेंद्र गुप्ता को कई बार अवगत कराया गया है और उनसे मांग की गई है कि वे सेक्टर 9 के दो एकड़ के स्कूल की जमीन पर सीबीएसई नियमों के तहत वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की नई आधुनिक बिल्डिंग और कमरों का निर्माण करवाएं।
जिससे सेक्टर 10 स्कूल के 9 से 12 क्लास के जो विद्यार्थी कमरों के अभाव में इस समय बरामदे व खुले में पढ़ाई कर रहे हैं वे नई बिल्डिंग में ठीक से पढ़ाई कर सकें। इसके अलावा 11वीं में बच्चे कॉमर्स, नॉन मेडिकल, मेडिकल स्ट्रीम में भी दाखिला लें सकें क्योंकि इस समय यह स्ट्रीम सेक्टर 10 स्कूल में नहीं हैं। वहीं सेक्टर 10 के स्कूल को पहले की तरह ही आठवीं तक मिडिल स्कूल रहने दिया जाए क्योंकि इसमें सिर्फ 8 वीं तक स्कूल के लिए ही जरूरी कमरे हैं। मंच का कहना है कि जनहित में मंच की इस मांग पर विधायक ने कोई भी उचित कार्यवाही नहीं कराई है।
मंच ने अब मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग की इस लापरवाही,असमानता व शिक्षा नियमावली के नियमों के विरुद्ध हो रहे इस कार्य की जानकारी देकर जांच की मांग की है और सेक्टर 9 के दो एकड़ के स्कूल की जमीन पर सीबीएसई पैटर्न से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के लिए मल्टी स्टोरी आधुनिक नई बिल्डिंग और कमरों का निर्माण कराने का अनुरोध किया है। जिससे गरीब व मिडिल क्लास के बच्चों को 12वीं तक सस्ती व गुणात्मक शिक्षा मिल सके।