Faridabad/Alive News : गांव अजरौंदा को नगर निगम में शामिल हुए अर्सा बीत गया। जब से अजरौंदा गांव को निगम में शामिल किया है तब से गांव के हाल बदहाल है। इस समय अजरौंदा गांव में टूटी सड़क, लम्बे समय तक बिजली गुल, पीने के पानी की किल्लत और सीवर ओवरफ्लों की समस्या ने ग्रामीणों को रूलाया हुआ है। गांव के लोगों ने कई बार इसकी शिकायत निर्वतमान पार्षद, विधायक नरेंद्र गुप्ता और नगर निगम अधिकारियों दी है। शिकायत बाद भी समस्या का समाधान नही हुआ।
दरअसल, गांव की सबसे बड़ी समस्या जर्जर सड़के है। गांव की जर्जर हो चुकी मुख्य सड़क और उसको जोड़ने वाली गलियों की सड़कों के हालत दयनीय हो चुकी है। सीवर ओवरफ्लों होने से टूटी सड़कों पर बारह मास सीवर का गंदा पानी भरा रहता है। जिसके कारण सड़क में बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। दुपहिया वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढों में सड़क।
आलम यह है कि बरसात के समय यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। सड़क जर्जर रहने के कारण स्कूली बच्चों को विद्यालय जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें आए दिन बच्चे और वाहन चालक गिरकर चोटिल होते रहते है।
क्या कहना है ग्रामीणों का
कहने को तो अजरौंदा गांव को सालों पहले सरकार ने नगर निगम में शामिल किया था, ताकि गांव में रहने वाले ग्रामीणों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। लेकिन नगर निगम में शामिल होने के बाद गांव की हालत बद से बद्तर हो गई है। सीवर ओवरफ्लों होने से गांव की सड़कें गंदे पानी से बाहर मास लबालब रहती है।
गांव में सीवर की समस्या तो विकट है। लेकिन उससे भी बड़ी समस्या है पीने के पानी की। महीनों-महीनों बीतने के बाद भी गांव में पीने का पानी नही आता। शिकायत करने पर अगर कभी पानी आ भी जाता है तो उसमें सीवर का गंदा पानी मिक्स हो आता है, ऐसे में सप्लाई का पानी न तो नहाने लायक रहता है और ना ही कपड़े धोने लायक रहता है। लोग मजबूरीवश R. O का पानी खरीदकर रोजमर्रा के काम करते है और कपड़े धोने से लेकर घर के सारे काम इसी पानी से करते है।
क्या कहना है निगम अधिकारी का
अजरौंदा गांव मेरे कार्यक्षेत्र में आता है या नहीं अभी मेरे पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह मुझे नगर निगम से पता करना होगा। उसके बाद ही मैं आपको इसकी जानकारी सोमवार तक दे सकूंगा।
- ओमदत्त, एक्सईएन नगर निगम फरीदाबाद।