Faridabad/Alive News: फर्जी एस्टीमेट मामले में वार्ड पांच की पार्षद ललिता यादव ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मामले में दोबारा जांच कराने के लिए निगमायुक्त से मुलाकात की है। जानकारी के मुताबिक ललिता यादव ने अधिकारियों को जमीनी स्तर पर जाकर जांच करने की मांग रखी है। निगमायुक्त ने इस मामले में दोबारा जांच करने की बात कही है।
दरअसल, पर्वतीय कॉलोनी निवासी राम सिंह ने बताया कि वार्ड 5 में सीवर लाइन की सफाई कराने के लिए अधिकारियों की ओर से बनाए गए एस्टीमेट में भारी गड़बड़ी की गई। नगर निगम ने 26 अप्रैल 2021 को वार्ड में विभिन्न सीवर लाइन की सफाई के लिए 3 टेंडर निकाले थे। इसमें सीवर लाइन की सफाई के लिए जो 2 टेंडर बनाए गए थे। उसमे जांच के बाद भारी गड़बड़ी पाई गई है। इसमें एक ही सीवर लाइन की सफाई के 2 अलग- अलग टेंडर में 3 बार सफाई कराने का फर्जी एस्टीमेट तैयार किया।
राम सिंह ने बताया कि वार्ड 5 में 45 फ़ीट रोड से गुरुद्वारा रोड होते हुए मनीराम डिस्पोजल तक 36 इंच की सीवर लाइन बिछी हुई है। इससे सीवर का पानी डिस्पोजल तक पहुँचता है। इस बड़ी सीवर लाइन की बकेट मशीन से सफाई करने के लिए पहले ही लगभग 8 लाख रुपए का टेंडर लगाया जा चुका है।
इसकी कुल लंबाई 865 मीटर है। हाल ही में 26 अप्रैल को जो टेंडर लगाए गए। उसमें एक टेंडर गुरुद्वारा रोड से मनीराम डिस्पोजल जिसकी लम्बाई 650 मीटर है और दूसरा टेंडर गुरुद्वारा रोड से पुराने डिस्पोजल तक जिसकी कुल लम्बाई 650 मीटर है। आरोप है कि यह दोनों टेंडर व एस्टीमेट फर्जी हैं। इसके साथ ही निगम ने एक और टेंडर कुञ्ज गली का लगाया है। इसकी कुल लम्बाई 410 मीटर है। जिस सीवर लाइन की लम्बाई 865 मीटर है, कागजों में उसे नगर निगम ने तीन अलग अलग टेंडर में मिला कर 1615 मीटर कर दिया है।
निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल ने एसडीओ तथा एक्सईएन पर भी ठोस कार्यवाही करने की सिफारिश की है। मित्तल ने दोनों के खिलाफ चार्टशीट दाखिल करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय को पत्र लिखा है। अब पार्षद ललिता यादव ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वार्ड के कुछ लोग विकास कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। निगमायुक्त ने अतिरिक्त निगम आयुक्त वैशाली शर्मा को नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए हैं।