November 17, 2024

प्रशासन दलबल के साथ मैरिज बैंक्विट हॉल तोड़ने पहुंचा, विरोध के बाद बेरंग लोटा

Faridabad/Alive News: सूरजकुंड रोड स्थित बने हुए फार्म हाउस को तोड़ने पहुंची प्रशासन की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। दरअसल, नगर निगम टीम और पुलिस प्रशासन सूरजकुंड रोड स्थित बने हुए मैरिज बैंक्विट हॉल पर पीला पंजा चलाने के लिए पूरे दलबल के साथ पहुंचा था लेकिन बड़खल विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के नेता विजय प्रताप सिंह के साथ वेंकट हॉल के सभी मालिकों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि या तो पुलिस उनको गिरफ्तार कर ले या फिर सरकार अपने नीतियों को बदलने का काम करें। इन बैंकट हॉल से चलने वाले हजारों घरों को रोजगार मिलता है।

कांग्रेस विजय प्रताप ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों को बदलने का काम करें या फिर उनको समय की मोहलत दे। विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले कई सालों से सुप्रीम कोर्ट में फोरेस्ट की एक याचिका विचाराधीन है , हरियाणा में सन 1996 में 2022 तक के लिए शर्तो के साथ काफी एरिया फोरेस्ट में दे दिया गया था, जिन लोगों की मालिकाना जमीन है उनका यह कहना है कि 2022 हो गए ,हमारा एरिया फोरेस्ट से बाहर निकाला जाए। लेकिन उसके बावजूद भी इस एरिये को फोरेस्ट से बाहर नहीं निकाला गया है सरकार को निकालने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है ।

सरकार पहले अपनी नीति स्पष्ट करे और फोरेस्ट एरिया को मेनटेन रखे , हरियाणा सरकार के पास बहुत सा बंजारा एरिया है जिसको फोरेस्ट बनाए जाने की गुंजाइस है, इस एरिया में ज्यादातर आबादी है मैरिज गार्डन है लोगों को रोजगार मिल रहा है हजारों लोग गुजाराबरस कर रहे है और जब तक मैरिज चल रही तब तक रोक लगाई जाए। उसके बाद सरकार अपनी नीति को सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट करें । क्योंकि सरकार के ऊपर सुप्रीम कोर्ट न छोड़ा है सरकार चहेगी तक तो यह एरिया निकल जाएगें ,बदले में दूसरा एरिया दे दिए जाएगे। लोगों यहां तक भी तैयार हैं बदले में फोरेस्ट के लिए जमीन खरीद कर देगे और फोरेस्ट भी लगा देेंगे। क्योंकि सब जीवन यापन कर रहे है बच्चे यहां पल रहे हजारों लाखों लोगों का रोजगार है ऐसा भी नहीं है कि बहुत ज्यादा कमा रहे हैं इस ग्राऊण्ड पर सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए लोगों ने अपने कनवर्जन चार्ज भी जमा कर रखें हैं। कोरपोरेशन में भी जमा कर रखे है और एंजेसी उसमें पैसा जमा कर रखा है। सभी सरकार से अनुरोध कर है नीति स्पष्ट होने तक हमें राहत दें।