New Delhi/Alive News: जिंदगी और मौत से जूझ रही तेजाब पीड़िता ने सोमवार को दम तोड़ दिया। 12 दिन के संघर्ष के बाद वह हार गई और दोपहर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। महिला की मौत के बाद से पति और उसके तीन मासूम बच्चों का रो रो कर बुरा हाल है। उसका कहना है कि आरोपी ने उसके बच्चों को बेसहारा कर दिया है। उसे जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए।
दरअसल, तीन नवंबर को मोंटू नाम के आरोपी ने महिला का हाथ बांधकर उसके शरीर पर तेजाब डाल दिया था। उसके बाद से महिला का राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। महिला की शादी वर्ष 2011 में हुई थी। वह अपने पति और तीन बच्चों के साथ पूंठखुर्द में रहती थी। उसकी नौ साल की बड़ी बेटी है जबकि सात और पांच साल का दो बेटे हैं।
मोंटू महिला का लगातार पीछा करता था और उसपर शादी करने का दवाब बना रहा था। पहले तो महिला ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया लेकिन उसने बाद में अपने पति को सारी बात बता दी। उसके बाद से आरोपी लगातार उसके बच्चों की हत्या करने की धमकी देने लगा। 3 नवंबर को मोंटू ने शादीशुदा महिला पर तेजाब डालकर उसे जला दिया।
घटना के बाद आरोपी बिहार के बक्सर भाग गया। उसने महिला के पति की हत्या करने के लिए एक पिस्टल भी खरीद लिया था। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आरोपी को बिहार से गिरफ्तार कर लिया। 8 नवंबर को पुलिस आरोपी को लेकर हथियार बरामद करने शाहबाद डेयरी इलाके में पहुंची। आरोपी ने पुलिस टीम पर गोली चला दी। जवाबी गोली बारी में आरोपी के पैर में गोली लगी।
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर तेजाब मुहैया करवाने वाले राम सेवक को यूपी के शाहजहां से गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल आरोपी जेल में है। महिला के पति का कहना है कि वह अपनी पत्नी के ठीक होने की आस में उसके पास बैठा रहता था लेकिन पांच दिन बाद उसकी पत्नी बेहोश हो गई और खाना पीना छोड़ दिया। महिला का पति बार बार यही कह रहा है कि आरोपी ने उसके तीन मासूम बच्चों को अनाथ कर दिया। अब वह अपने बच्चों को कैसे पालेगा।