Faridabad/Alive News: भारतीय संस्कृति के प्रतीक गुरु गंगा गौ गौवंश किसान का हो रहा है। अपमान गुरु गोरखनाथ मानव कल्याण संस्थान कपूरथला पंजाब एवं संयुक्त आंदोलन परिषद के परमाध्यक्ष महंत कैलाश नाथ हठयोगी ने बयान जारी कर कहा कि आज संपूर्ण भारतवर्ष में गंगा गुरु गौ गौवंश किसान का अपमान हो रहा है।
चारों आस्था और भावना के प्रतीक हैं जिसे तथाकथित सरकार एवं राजनेताओं ने अपने निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए अपनी सुविधा अनुसार उपयोग कर सत्ता के लिए शिखर पर विराजमान हैं। सब कुछ इन चारों के आशीर्वाद एवं समर्थन से प्राप्त होने के बाद इनके साथ अन्याय अत्याचार निरंतर किया जा रहा है। प्रचार-प्रसार संसाधनों में बहुत। कुछ है किंतु धरातल पर कुछ भी नहीं है जिसका परिणाम है कि संक्रमण काल में जो भी सज्जन मानवता के नाते यदि सहयोग भी कर रहे हैं तो उन्हें अपराधिक मामलों में फंसाया जा रहा है और उनकी छवि खराब की जा रही है।
जिसका उदाहरण पूर्व सांसद पप्पू यादव हैं जिन्होंने सत्ता के दुरुपयोग होने का प्रमाण खुलासा किया है। सत्ताधारी दल के सांसद मंत्री के घर पर दर्जनों से अधिक एंबुलेंस भगवा कपड़े में लिपटी छुपाई गई थी। जिसका खुलासा करने के कारण समाजसेवी सांसद को गिरफ्तार कर बिहार सरकार ने अपना असली चेहरा संसार समाज को दिखा दिया है वह बिहार के लोगों की किस प्रकार देखभाल इस महामारी करोना काल में कर रही है
स्वच्छ भारत अभियान नमामि गंगे योजना को शर्मसार करने वाली तस्वीरें उत्तर प्रदेश गाजीपुर और बिहार बक्सर से गंगा में सैकड़ों तैरती हुई लाशों से सरकार का मानव एवं सनातन संस्कृति गुरु गंगा गौ किसान के प्रति छल छद्म प्रेम लगाव को जगजाहिर कर रहा है। इस प्रकार शासन प्रशासन के दिल दिमाग में इंसानों की क्या इज्जत एवं क्या मोल है वह क्या नैतिकता है करुणा संक्रमण महामारी में भी वोट बैंक की राजनीति हो रही है देश आरोप-प्रत्यारोप के दौर से गुजर रहा है।
गंगा में तैरती लाशों का जिम्मेदार कौन है? इस शासन में राम की प्रजा को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा है इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है जहां सनातन संस्कार की धज्जियां उड़ रही हो एवं साधु संत धर्माचार्य खामोश बैठ कर तमाशबीन हो ऐसे शासन प्रशासन में राम राज्य की स्थापना का कपोल कल्पित लग रहा है जहां लोगों के शव बिना अग्नि संस्कार किए हैं। गंगा में प्रवाहित कर दिए जा रहे हैं एवं मिलने पश्चात प्रशासन ने अपनी ना कामयाबी छुपाने के लिए और गैर जिम्मेदारी दिखाते हुए अमानवीय एवं सनातन धर्म की धज्जियां उड़ाते हुए उनको जमीन में दफना दिया गया क्या वे लाशें किसी धर्म- जाती विशेष की थी।
धर्माचार्य के धर्म स्थानों पर निरंतर कब्जे किये जा रहे है
एवं उनको दबाव में रखा जा रहा है जिसकी वजह से वह इस अन्याय के विरुद्ध देश समाज जनता के समर्थन में कुछ कह नहीं पा रहे हैं हिंदू धर्म के ठेकेदारों का अवैध कब्जा एवं इस महामारी संक्रमण काल में धर्म जाति अमीर गरीब शहर देहात के भेद भाव अंतर के साथ समाज को बांटा जा रहा है एवं इलाज किया जा रहा है।
गांव गरीब बेरोजगार लाचार आदमी को कफन क्रिया कर्म तक नसीब नहीं हो रहा है जिसका प्रमाण गंगा में तैरती हुई सैकड़ों शव हैं इससे बुरा हाल गुरु गंगा गौ गोवंश किसान धर्माचार्यों का कभी नहीं हुआ था गांव गंगा धर्माचार्य किसान के नाम पर राजनीतिक दल राजनेताओं एवं राजनीति संरक्षण प्राप्त तथाकथित साधु संत भोग भोग रहे हैं एवं राम की प्रजा कष्ट में है