New Delhi/Alive News : बेटियों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर सरकार ने बड़े बड़े दावे किए है। लेकिन वहीं 2021-22 में 11 से 14 साल की 3 लाख लड़कियों ने ही स्कूल छोड़ा, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 10.3 लाख था। पढ़ाई बीच में छोड़ने वाली इन 3.03 लाख में से करीब 2.30 लाख लड़कियां सिर्फ 3 राज्यों से हैं।
मिली जानकारी के अनुसार 33 प्रतिशत लड़कियों ने घरों में घरेलू कार्य के कारण पढ़ाई छोडी तो 25 प्रतिशत लड़कियों ने पढ़ाई शादी के कारण छोड़ी है। कई जगहों पर यह भी पाया गया कि लड़कियों ने स्कूल छोड़ने के बाद परिजनों के साथ मजदूरी या लोगों के घरों में सफाई करने का काम शुरू कर दिया। घर में किसी बच्चे का जन्म होने के बाद उसे संभालने के लिए लड़की को पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि माता-पिता दोनों मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं।
स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या भले बढ़ रही हो, लेकिन भारत में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल स्कूल में पढ़ने के बाद भी 55 प्रतिशत युवा महिलाएं एक वाक्य तक नहीं पढ़ सकती हैं, जबकि 1960 के दशक में पैदा होने वाली ऐसी 80 प्रतिशत महिलाएं एक वाक्य पढ़ने में सक्षम हैं।
कोरोना के दौर में लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से पूरी शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन मोड में चली गई। इससे भी बच्चों के शैक्षणिक विकास पर असर पड़ा। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक सरकारों को स्कूली बच्चों की संख्या बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता पर भी जोर देना चाहिए।