November 6, 2024

असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में नया बदलाव

U.P/Alive News : अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया संशोधित होने जा रही है। अक्सर महाविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

उत्तराखंड के आगामी विधान सभा सत्र में इसके लिए उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन का प्रस्ताव आ सकता है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसीलिए एक्ट में संशोधन किया जा रहा है।

उत्तराखंड अलग राज्य गठन के बावजूद उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के आधार पर अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियां की जा रही हैं। हालांकि राज्य गठन के बाद इसमें कुछ संशोधन किया गया, लेकिन नियुक्ति का पूरा अधिकार प्रबंधन के हाथ में है। जबकि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा आयोग के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियां की जा रही हैं।

नियुक्ति के लिए 25 से 30 लाख रुपये की बोली लगने का आरोप

उत्तराखंड में नियुक्ति दाता सीधे प्रबंधन होने से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए 25 से 30 लाख रुपये की बोली लगने के आरोप लगते रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार एक्ट में संशोधन करने जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि महाविद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता के स्तर में सुधार और नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए यह किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार महाविद्यालयों के अधिग्रहण पर भी विचार कर रही है, ऐसा हुआ तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत ही महाविद्यालयों का अधिग्रहण किया जाएगा।

अपात्र के शिक्षक बनने से शिक्षा गुणवत्ता होती है प्रभावित

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन का पूरा खर्च सरकार उठाती है, लेकिन नियुक्ति का अधिकार प्रबंधन के पास है, जिस पर नियुक्तियों में मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। अपात्र व्यक्ति के शिक्षक बनने से शिक्षा गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

एनडी तिवारी सरकार में प्रबंधन को मिला था नियुक्ति का अधिकार

प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय में नियुक्ति का अधिकार पूर्ववर्ती एनडी तिवारी सरकार में प्रबंधन के हाथ में दिया गया था। इसके बाद से प्रबंधन पर नियुक्तियों को लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। यह भी आरोप लगते रहे हैं कि अपने चहेतों को नियुक्तियां दे दी गई हैं।
महाविद्यालयों के अधिग्रहण पर भी विचार

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार अशासकीय महाविद्यालयों के अधिग्रहण पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों का यदि अधिग्रहण किया गया तो इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत किया जाएगा।

इस तरह हो सकता है अधिग्रहण

सरकार यदि अशासकीय महाविद्यालयों का अधिग्रहण करना चाहे तो वे प्रबंधन पर नियुक्तियों या फिर अन्य कार्य में अनियमितता का आरोप लगाकर उसका अधिग्रहण कर सकती है। उसके पास दूसरा रास्ता हरियाणा की तर्ज पर अधिग्रहण का है। हरियाणा में सरकार जिन अशासकीय महाविद्यालयों को वेतन देती थी। वहां सरकार ने उनकी वेतन ग्रांट रोक दी। इससे हुआ यह कि प्रबंधन ने विश्वविद्यालय, महाविद्यालय चलाने से हाथ खड़े कर दिए और सरकार के आगे सरेंडर कर दिया।

सरकारी महाविद्यालयों को मिलेंगे 877 असिस्टेंट प्रोफेसर 

प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। उच्च शिक्षा मंत्री के मुताबिक इसके 877 पदों के लिए 61 हजार आवेदन आए हैं। मंत्री ने कहा कि जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए सरकार देश भर के टॉप टेन विश्वविद्यालय का चयन कर उत्तराखंड के बच्चों को उन महाविद्यालयों में एवं वहां के बच्चों को उत्तराखंड में कुछ अवधि के लिए प्रशिक्षण कराएगी। इसके अलावा स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाएगा।