November 23, 2024

नशे से दूर रहने के लिए स्वस्थ मानसकिता का होना जरुरी : डॉ वंदना

Faridabad/Alive News: आज के समय में (13 से 20 ) वर्ष के युवाओं ने नशे को शौक के रूप में अपने जीवन में उतार लिया है। सिगरेट ,बीड़ी,गुटका,हुक्का आदि के इर्द गिर्द उनका जीवन घूमता रह्ता है। इन मादक पदार्थों के सेवन से उनकी आर्थिक व मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। नशे ने समाज में वह जाल बुन दिया है जिसमें आये दिन युवा फसंते चले जा रहे है। आज का युवा स्कूल से ही सिगरेट आदि पीना शुरू कर देते है। जिसे वह पहले शौक के रूप में पीना शुरू करते है लेकिन बाद में यह उनकी आदत बन जाती है। जिसे छोड़ पाना युवाओं के लिए बेहद मुश्किल हो जाता है ।

बढ़ते नशे के बारे जब सीनियर डेंटल सर्जन वंदना अरोड़ा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तम्बाकू आदि में निकोटिन होता है और तब इनका सेवन करते है तो निकोटिन के कारण “गुड फ़ील फैक्टर” होता है। जिससे उनकी लत और भी ज्यादा होने लगती है आज के समय में लोगों ने इसे ग्लैमर बना दिया है। होटल में सरकार से हुक्का वार के लाइसेंस लेकर हुक्के को सजावट कर रखा जा रहा है जिसके पीछे युवा आकर्षित हो रहे है ।

केंद्र सरकार के स्वास्थ विभाग ने युवाओं को नशे के प्रति जागरूक करने के लिए और उनको नशे की लत से दूर रहने के लिए सेंटर चलाये हुए है। इन सेंटरों पर नशे से ग्रस्त लोगों को नशा मुक्त करने के लिए डोज़ दी जाती हैं । इतना ही नहीं नशे से ग्रस्त लोगों को इससे बाहर निकालने के लिए कोर्स कराया जाता है। जो एक से डेढ़ साल के बीच होता है।

डॉक्टर वंदना ने बताया कि हम भी समय समय पर बी.के अस्पताल में नशा मुक्त रहने के लिए कैंप लगते रहते है। इसी कड़ी में आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता भी काफी हद तक उन्हें नशे की तरफ ले जाती है। सब से पहले लोगो को अपनी मानसिकता बदलनी होगी ताकि नशे से युवा बाहर आये । नशा मुक्त देश बनाने के लिए तमाम फिल्में भी बनाई गई है। ताकि युवा उन्हें देख कर प्रेरित हो और देश को एक सही राह पर ले जा सके क्योंकि देश का भविष्य युवाओं पर टीका होता है। जितना मजबूत देश के युवा होंगे उतना ही देश मजबूत होंगे ।