Chandigarh/Alive News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को बड़ा झटका देते हुए हरियाणा सरकार के उस आदेश पर मोहर लगा दी है जिसके तहत इन्हें आगे दाखिला न करने की हिदायत दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि मानकों को पूरा न करने वालों को स्कूल संचालन का अधिकार नहीं है।
याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट को बताया कि याची एसोसिएशन छोटे स्कूल हैं और कम पैसे पर छात्रों को शिक्षा मुहैया करवाते हैं। याचिकाकर्ता स्कूल 2003 से 2007 के बीच के हैं और लगातार हर साल उन्हें अस्थाई मान्यता मिलती है।
हरियाणा सरकार ने 24 जनवरी 2022 को पत्र जारी करते हुए सत्र 2022-23 के लिए छात्रों को प्रवेश न देने को कहा है। याची स्कूलों ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि उन्हें छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से मांग खारिज होने के बाद याची ट्रस्ट ने खंडपीठ की शरण ली थी।
हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि वह हैरान है कि 2007 से अभी तक इन स्कूलों को संचालन की अनुमति ही क्यों दी गई। मानकों पर खरा उतरने वाले स्कूलों को ही संचालन की अनुमति दी जा सकती है।
मानकों में इमारत, खेल मैदान, बिजली फिटिंग, शिक्षक, सफाई व अन्य कई प्रकार की सेवाएं व सुविधाएं हैं जिनकी स्कूल संचालन में आवश्यकता होती है। स्कूलों को अस्थाई मान्यता इस लिए दी गई ताकि वह मानकों पर खरा उतर सकें लेकिन यह स्कूल इसमें नाकाम रहे। ऐसे में इन्हें संचालन का अधिकार नहीं है। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।