November 25, 2024

हरियाणा के सात जिलों में हजारों टन गेहूं हुआ खराब, उपमुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

Chandigarh/Alive News: हरियाणा में गेहूं खराब होने के सबसे ज्यादा मामले सात से सामने आए है। इन जिलों में बीते पांच साल में 94 करोड़ रुपये का 46 हजार 294 टन गेहूं खराब हो चुका है। सबसे ज्यादा गेहूं कुरुक्षेत्र जिले में खराब हुआ है। इसके बाद कैथल में हैं। कुरुक्षेत्र में 2,4890, कैथल में 11,539, करनाल में 6587, यमुनानगर में 2,500, फतेहाबाद में 450, जींद में 315, रोहतक में 12.7 टन गेहूं खराब हुआ है।

खराब हुए गेहूं के लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय करने में जिला प्रशासन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पूरे मामले में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और आयुक्त से रिपोर्ट मांगी है। अब प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच के साथ गेहूं खराब होने के लिए दोषी अफसरों की जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दावा किया है कि पांच साल में 5549 मीट्रिक टन गेहूं ही खराब हुआ है। 2022 में हैफेड, हरियाणा भंडारण निगम, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 4,22,005 एमटी, 2021 में 7,28,336 एमटी, 2020 में 7,33,139 एमटी, 2019 में 8,18,270 एमटी, 2018 में 7,55,394 एमटी गेहूं की खरीद की। खरीद एजेंसियां खराब गेहूं को इस बार भी निजी कंपनियों को बेच रही हैं। इसे ई-नीलामी में 2 से 13 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जा रहा है। खराब गेहूं को कंपनियां बीयर और पशुओं की फीड बनाने में इस्तेमाल करेंगी।