Faridabad/Alive News: अभाविप जिला मीडिया संयोजक रवि पाण्डेय ने बताया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद फरीदाबाद द्वारा आज बोंड पॉलिसी को निरस्त करने के लिऐ सीटीएम फ़रीदाबाद को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है और सदैव से ही विद्यार्थी हित में कार्य कर रहा है।
सस्ती और सुलभ शिक्षा विद्यार्थी परिषद का प्रारम्भ से ही मत रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा एमबीबीएस करने जा रहे विद्यार्थियों के लिए बनाई गई चिकित्सा शिक्षा नीति ने प्रारम्भ से ही अनेक सवाल खड़े किए है। इस प्रकार एक झटके में छात्र विरोधी बॉन्ड पॉलिसी को लागू करने से छात्र मेडिकल की शिक्षा से वंचित रह जाएगा। इस पॉलिसी को लेकर पूरे हरियाणा के डाक्टरों में शुरू से ही रोष है।
एबीवीपी प्रदेश मंत्री माधव रावत ने बताया कि जिस प्रकार ये नीति स्टेक होल्डर्स से बात करे बिना पास की गई है उससे अनेक सवाल बड़े हो गए है। यह नीति कहीं से भी विद्यार्थी हित में नजर नहीं आ रही है। उनके अनुसार सबसे बड़ा सवाल है यह है कि अनेक प्रदेशों में जो बॉन्ड है वह इस प्रकार है कि यदि सरकार तय वक़्त में नौकरी नहीं दे पाती हैं तो कैंडिडेट खुद ही बॉन्ड मुक्त हो जाता है। परंतु जैसा कि इस नोटिफिकेशन के बिंदु क्रमांक 9 में लिखा है कि सरकार नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
इस बॉन्ड के लोन को एजुकेशन लोन की श्रेणी में रखा गया है तो यदि सरकार नौकरी नहीं दे पाई तो उस स्थति में लोन देने के लिए कैंडिडेट बाध्य हो जाएगा। ये बिल्कुल गलत है। बॉन्ड की वैधता तब होती है जब सरकार सरकारी नौकरी दे, परंतु कैंडिडेट तब भी नौकरी ना करे। पॉलिसी को लेकर छात्र समुदाय में शुरू से ही रोष है। इसलिए सरकार को यह पॉलिसी तुरंत वापिस लेना चाहिए।
मेडिकल छात्रों के बीच काम करने वाले एबीवीपी आयाम मेडिविजन के प्रांत संयोजक डॉ ललित ने बताया कि हरियाणा में डॉक्टरों की कोई कमी नही है। हर एक विज्ञप्ति पर 5 गुना से ज्यादा डॉक्टर एप्लाई करते है। अभी निकाली गई लगभग 1200 भर्ती पर 6 हजार के लगभग फॉर्म आए थे। डॉक्टर सरकारी नौकरी ज्वाइन करे सरकार इसके लिए प्रोत्साहन दे, ना की ऐसी बॉन्ड पॉलिसी के माध्यम से किसी को बाध्य करे।