Faridabad/Alive News: फोर्थ वाल प्रोडक्शन कला एवं साहित्य कार्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से आयोजित दूसरे हरियाणा रंग उत्सव के दूसरे दिन बिहार की लौंडा नाच शैली पर आधारित नाटक एंड्रोगिनी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। बिहार के प्रमुख पर्व छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए ही बिहार की लोक शैली पर आधारित लौंडा नाच की प्रस्तुति इस उत्सव में आयोजित की गई। इस नाटक में चरित्रों का अभिनय लोगों को कभी हंसाता, कभी रूलाता तो कभी गुदगुदाता रहा। इस तरह अलग-अलग भावों से भरा यह नाटक अंत में लोगों को सोचने पर मजबूर कर गया।
आज के कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। वहीं एंड्रोगिनी नाटक में जिस लौंडा नाच के मर्म को सामने रखा गया, वह एक ऐसी प्रथा रही है, जिसमें लड़के लड़कियों की वेशभूषा पहन कर नाचते हैं। पूर्वोत्तर बिहार की इस लोक शैली में पुरूष ही स्त्रियों की भाव-भंगिमाओं का प्रदर्शन करके लोगों का मनोरंजन करते हैं। इस नाटक में भी एक लड़का लौंड़ा नाच शैली की कला के अपने पुश्तैनी काम को करता है लेकिन उसे लोगों के बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है, जिस कारण वह यह काम छोड़ना चाहता है।
लौंडा नाच शैली के कलाकारों के सामने आजीविका का भी संकट आ गया है। एंडरोगिनी अर्थात् द्विलिंगी नाटक ऐसे ही कुछ कलाकारों की कहानी है, जो आज की इस भागती-दौड़ती ज़िंदगी में लोक शैली को तो बचाना चाहते हैं लेकिन उनके अपने सामने आजीविका के संकट के साथ ही लोगों के बुरे बर्ताव का भी सामना करना पड़ रहा है और वह भूखों मरने को मजबूर हो रहे हैं। यह नाटक ऐसे ही लड़के की कहानी को दिखाता है कि किस तरह वह अपनी इस पुश्तैनी कला को मुश्किलों के बाद भी जारी रखता है।
इस नाटक का निर्देशन सुरेन्द्र सागर ने किया और मुख्य पात्रों का अभिनय अभिषेक सूद, अनंदिता और शशांक पांडे ने किया, वहीं नाटक में प्रकाश सन्नी ने दिया। इसके साथ ही उत्सव के संयोजक डॉ. अंकुश शर्मा ने बताया कि छठ पर्व के अवसर पर इस नाटक को आयोजित किया जाना विशेष महत्व रखता है और रविवार को महाकवि भास द्वारा रचित नाटक उरूभंगम की प्रस्तुति होगी, जो मूल रूप से महाभारत की एक कहानी पर आधारित है।