New Delhi/Alive News: उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य होने के बाद स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे। स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मिड लेवल और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे। इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है।
मिली जानकारी के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा महसूस की जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने बेहद जटिल सवाल खड़े किए हैं। इनका समाधान आज की जरूरत है। उच्चस्तरीय विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम मौजूदा वक्त में साइबर सुरक्षा से जुड़े इन्हीं मसलों पर आधारित है। इसको तैयार करने में तकनीक, उसकी प्रक्रिया और आम लोगों को केंद्र में रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक यूजी प्रोग्राम में लैक्चर, टयूटोरियल, प्रैक्टिकल-प्रैक्टिस के आधार पर चार क्रेडिट मिलेंगे। इसमें साइबर सुरक्षा की सामान्य जानकारी, साइबर क्राइम और साइबर लॉ, सोशल मीडिया और सुरक्षा, ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट, साइबर सुरक्षा में डिजिटल उपकरण और तकनीक आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। वहीं स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट, डाटा प्राइवेसी और डाटा सिक्योरिटी,साइबर लॉ, साइबर क्राइम आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा।
इन विषयों पर मिलेगी जानकारी
इन विषयों में साइबर स्पेस, वेब टेक्नोलॉजी, इंटरनेट सोसाइटी, साइबर क्राइम, महिलाओं और बच्चों को साइबर क्राइम से खतरा, भारत में साइबर सुरक्षा पर आधारित मामले, हैशटैग, सोशल मीडिया में प्राइवेसी, इंटरनेट बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, मोबाइल से भुगतान, आधार, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान -सुरक्षा, मोबाइल फोन सिक्योरिटी, डाटा बैकअप, उपकरण संबंधी सुरक्षा, वाई-फाई सिक्योरिटी, एंटी वायरस, साइबर अटैक, , साइबर टेरिज्जम, साइबर वॉर, ऑनलाइन जॉब फ्राड, ट्रैफकिंग, ह्यूमन ट्रैफकिंग, जॉब स्कैम, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साइबर पुलिस स्टेशन, एआई या एमआई , ब्लॉकचैन, साइबर क्राइम और सजा, साइबर सिक्योरिटी ऑडिट आदि शामिल है।