Faridabad/Alive News: शहर की टूटी और जर्जर सड़के शुद्ध वायु को प्रदूषित करने में विलेन की भूमिका रही हैं। टूटी सड़कों पर वाहन चलने के साथ दिन भर धूल उड़ती रहती है। यह धूल स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रही है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जिला प्रशासन और गठबंधन सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दीपावली पर पटाखे बनाने वाली कंपनियों और बेचने वालों दुकानदारों तथा पराली जलाने वाले किसानों के मत्थे फोड़ रही है, परंतु शहर की सड़कों की ओर कोई भी विभागीय अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है।
दरअसल, शहर की सड़कें पिछले कई सालों से खस्ताहाल हैं। आगरा नहर से लगती सड़क इन दिनों कई व्यस्त मार्गों में से एक है, यह सड़क कई गावों और सेक्टरों को जोड़ती है। साथ ही बाईपास रोड़ पर दिल्ली- मुंबई- बड़ोदरा का निर्माण कार्य चलने के कारण बाईपास को कई जगहों से बंद किया गया है। जिस कारण इस सड़क से सुबह से लेकर देर रात तक भारी वाहनों का आवागमन होता है। सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होने के कारण पूरे दिन धूल उड़ती रहती है। शहर की अन्य मुख्य सड़कों के भी हालत बहुत खराब है।
इनमें हाईवे से जुड़ी सेक्टर-11-12 की विभाज्य रोड, सेक्टर-15 की मुख्य सड़क, सेक्टर 14-15 की विभाज्य रोड़, ग्रीन फील्ड की सेक्टर 41-42 की विभाज्य रोड़, सोहना रोड और ग्रेटर फरीदाबाद की कई मास्टर रोड़ बेहद खस्ताहाल है। इन सड़कों से वाहनों के आवागमन के कारण धूल का गुबार दिन भर छाया रहता है।
जिला प्रशासन टूटी सड़कों को ठीक कराने के बजाए समस्या से पल्ला झड़ता नजर आ रहा है। यही नहीं टूटी सड़कों पर नगर निगम द्वारा पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा, ताकि मिट्टी कुछ समय तक तो बैठी रहे। वैसे नेता, मंत्रियों और अधिकारियों ने कुछ समय पहले दावा किया था कि दिवाली तक शहर की सभी सड़के गड्ढा मुक्त होगी, लेकिन विभन्न विभागों द्वारा बरती जा रही लापरवाही लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई।
धूल के महीन कण हमारे गले और नाक में पहुंच जाते है और जो हमारे फेफड़ों के अंदरुनी हिस्सों में पहुंच कर उन्हें क्षति पहुंचाते हैं। इससे खास कर बच्चों व बुजुर्गों में एलर्जी और अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे प्रदूषण के संपर्क में आने के बाद बच्चों के फेफड़ों में नुकसान हो जाता है। वह कभी सामान्य अवस्था में नहीं आ पाते है। धूल के छोटे कणों के साथ कुछ हानिकारक तत्व भी हमारे खून में प्रवेश कर जाते है, जो बहुत नुकसान पहुंचाते है। इससे बचना होगा।
क्या कहना है डॉक्टर का
सड़कों पर उड़ती धूल मिट्टी के कारण अस्पताल में खासी, जुकाम और गले में इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या में धीरे धीरे इजाफा हो रहा है। वाहन चलाते समय सन ग्लासेस या बिना नंबर वाला चश्मा जरूर लगा लें। अच्छी खुराक लें, जिसमें हरी सब्जियां, पपीता, ड्राई फ्रूट शामिल हैं, यह आंखों को फायदा पहुंचाते हैं। बाहर से घर आने पर आंखों पर छींटे मार कर साफ करें और मास्क का प्रयोग करें।
डॉ. सुमित, मेडीचेक अस्पताल।