Chandigarh/Alive News : सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था हरियाणा शिक्षा विभाग की लाहरवाही का नतीजा है। सरकार भले ही लाख दावे कर ले कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं दी जा रही है तो इसका अंदाजा आप राजकीय विद्यालय आनंदपुर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां से दसवीं तक की पढ़ाई की थी, उसके हालातों से लगा सकते है। तबादला नीति के तहत स्कूल से पांच शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है और एक पद खत्म किया गया है। वहीं स्कूलों में अब तक किताबें नहीं पहुंची है अब शिक्षकों की कमी से लोग परेशानी हैं।
रोहतक के भाली आनंदपुर गांव स्थित राजकीय विद्यालय के हालात इन दिनों बद से बदतर है। शिक्षकों के तबादलों में हुई विसंगतियों के कारण जिस स्कूल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्राथमिक और माध्यमिक की पढ़ाई की, आज उस स्कूल में छात्रा को पढ़ाना पड़ रहा है। बात हो रही है रोहतक के भाली आनंदपुर गांव स्थित राजकीय विद्यालय की, जहां से तबादला नीति के तहत पांच शिक्षकों को स्थानांतरण किया गया है, जबकि पीजीटी में अर्थशास्त्र शिक्षक का पद ही खत्म कर दिया गया है। इससे विद्यार्थियों और क्षेत्रवासियों में रोष है।
रोहतक के राजकीय विद्यालय में शिक्षक ही नहीं है, किताबें नही है, छमाही परीक्षा भी नजदीक है। ऐसे में विद्यार्थी कैसे पढ़ाई करें और कैसे परीक्षा में पास हो। राजकीय विद्यालय में गांव के करीब चार सौ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षकों के पद खत्म कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। खत्म किए हुए पदों को दोबारा जारी नहीं किया गया तो ग्रामीण सामूहिक तौर पर विरोध करेंगे।