Faridabad/Alive News: जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवीर सिंह राठौर के दिशा-निर्देश पर आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज शनिवार को न्यायालय परिसर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। 53083 केस रखे गए जिनमें से कुल 25623 केसों का निपटारा आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया।
सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में परमानैन्ट लोक अदालत सहित 15 बेंच बनाए गए थे। जिनमें 53083 केस रखे गए जिनमें से कुल 25623 केसों का निपटारा आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया। जिनमें मोटर व्हिकल दुर्घटना के 33, छोटे-मोटे अपराधिक मामले 2972, चेक बाउंस 594, बिजली से संबंधित 700, समरी चालान 16712, श्रमिक विवाद 13 केस, 67 वैवाहिक संबंधित, दीवानी 522, बैंक रिकवरी 1030 और रेवेन्यू 2980 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया।
सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने आगे बताया कि लोक अदालत में केस का फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती और कोर्ट फीस वापस हो जाती है। केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है।राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाने पर ना किसी की जीत होती और ना ही किसी की हार होती। इससे धन व समय की बचत होती है तथा आपस में प्यार भाव बना रहता है।