November 26, 2024

रेहड़ी पटरी दुकानदारों को उजाड़ने के सात माह बाद भी स्थायी वेंड़िंग जोन देने में फेल रहे यशपाल यादव

Faridabad/Alive News : शहर की विभिन्न मार्केट में रेहड़ी पटरी लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले रेहड़ी पटरी दुकानदारों को नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने सात महीने पहले उजाड़ने के बाद स्थायी रूप से वेंडर जोन बनाकर बसाने का आश्वासन दिया था। आठ महीने बीतने को आए लेकिन रेहड़ी पटरी दुकानदारों को स्थायी जगह नही दी गई है। कर्मठ, ईमानदार, बात के धनी और हमेशा शहर के लोगों के दिल में बसने वाले नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव भी गरीबों को रोजगार देने के मामले में भाजपा- जजपा सरकार की तरह फेल हो गए। गरीब दुकानदारों को निगमायुक्त के आदेश से उजड़ने के बाद भी स्थायी जगह मिलने की उम्मीद लगी है। यह जानकारी रेहड़ी पटरी दुकानदारों से अलाइव न्यूज की पड़ताल में निकलकर सामने आई है।

सड़कों पर रेहड़ी पटरी लगाकर सामान बेचते फुटकर विक्रेता

आपको ज्ञात होगा कि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने एवं सरकार से अपनी पीठ थपथपवाने के लिए नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने हजारों गरीब रेहड़ी पटरी दुकानदारों को उजाड़ दिया था। इतना ही नही सात महीने पहले मार्केट के दुकानदारों व रेहड़ी पटरी दुकानदारों में नगर निगम के नाम से ही इतनी दहशत बनी हुई थी कि कब उनका नंबर आ जाए और रोजगार से हाथ धोना पड़े। इस दहशत की वजह से किराए पर या अपनी दुकान चलाने वाले दुकानदारों को अपने हाथों से लाखों रूपये का नुकसान भी दुकान की डेकोरेशन तोड़ कर उठाना पड़ा था। लेकिन जिस काम के लिए अभियान चलाया गया था। उसका निष्कर्ष और अंतिम निर्णय न तो निगमायुक्त और न ही सरकार निकाल पाई। जैसा शहर अभियान चलाने से पहले था वैसा ही सात महीने खत्म होने के बाद दिख रहा है। अब अतिशोक्ति यह है कि इस अतिक्रमण मुक्त (स्मार्ट) फरीदाबाद को बनाने में अभियान के चलते नगर निगम का कितना राजस्व लगा है, उसका आंकलन कौन करेगा और भरपाई कैसे होगी? क्योंकि नगर निगम अधिकारी इस अभियान में जीरो से चले थे और जीरो पर ही खत्म हो गए। लेकिन इसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ा।

सड़कों पर रेहड़ी लगाकर सामान बेचते फुटकर विक्रेता

स्थायी वेंडिंग जोन योजना में ये थी मार्केट शामिल
इस योजना में एनआईटी 1, 2, 3, 4, 5, बल्लभगढ़, ओल्ड फरीदाबाद, सराय ख्वाजा, पल्ला, सेहतपुर, बसंतपुर, तिलपत, डबुआ, 60 फुट नंगला रोड़ की मार्केट इत्यादि के रेहड़ी पटरी के दुकानदार शामिल है जिन्हें क्षेत्र के हिसाब से स्थायी वेंडिंग जोन में स्थायी जगह देनी थी।

क्या कहना है रेहड़ी पटरी दुकानदारों का
 निगमायुक्त ने 7 महीने पहले आश्वासन दिया था कि 31 मार्च तक सभी रेहड़ी पटरी वालों को वेंडिंग जोन बनाकर स्थाई दुकाने दी जाएंगी और उसके लिए सभी वार्डों में जगह भी चिन्हित कर ली गई है। लेकिन अब धरातल पर नगर निगम द्वारा ऐसा कोई वेंडिंग जोन तैयार नहीं किया गया है और वह आज भी सड़क किनारे रेहड़ी लगाने को मजबूर है। मुझे निगमायुक्त यशपाल यादव के रहते इस योजना के सिरे चढ़ने की उम्मीद है।
-अनिल कुमार, रेहड़ी पटरी दुकानदार।

सभी स्ट्रीट वेंडर अपनी मांगो के लिए आवाज उठाते थे और निगम कर्मचारियों की लापरवाही के बारे में मीडिया को बताते थे। लेकिन निगम अधिकारियों ने उन रेहड़ी पटरी वालों से निजी दुश्मनी कर उन्हें बेवजह तंग करना शुरू कर दिया है। जिसके बाद से लोग डर कर चुप हो गए है।
-रोहित, स्ट्रीट फुड दुकानदार।

 जिनकी दुकानें स्थायी है वह दुकान से आठ दस फ़ीट बाहर निकालकर दुकान सजाते है। जिसके कारण रेहड़ी पटरी वालों को जगह नही मिलती और बच्चों का पेट पालने के लिए सड़क पर ही रेहड़ी लगाकर खड़ा होना पड़ता है।
-अनजान, सब्जी दुकानदार।

सात माह बाद भी अधिकारी नही आ रहे सामने
संबंधित मामले को लेकर नगर निगम सिटी प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारका से मिलने की कोशिश की तो उनके पीए ने बताया कि वह छुट्टियों पर है और अगले हफ्ते आएंगे। उसके बाद हफ्ता बीता और हफ्ता बीतने के साथ ही द्वारका के पीए का जवाब भी बदल गया और उसके बाद साहब मीटिंग में व्यस्त रहने लगे। क्योंकि इनके पास कोई योजना नही है।