Faridabad/Alive News : हरियाणा सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों और सरकारी स्कूलों के प्रति शिक्षा अधिकारियों की उदासीन रवैया के कारण हरियाणा के 2149 सरकारी प्राथमिक स्कूलों में कक्षा पहली में एक भी बच्चे ने दाखिला नही लिया है। जोकि शिक्षा विभाग के लिए बेहद ही शर्मनाक है। इसमें फरीदाबाद जिले के कुल 27 स्कूल शामिल है। उधर, नया सत्र शुरू हुए चार माह बीत चुके है। वहीं सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों द्वारा दाखिला ना लेना शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
बता दें, कि हरियाणा सरकार ने कुछ समय पहले ही प्रदेश की शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे। बच्चों को दाखिल लेने में कोई दिक्कत ना हो, उसके लिए सरकार ने कई सरकारी स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूलों में परिवर्तन किया। लेकिन इन सब के बीच सरकार ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों को भगवान भरोसे छोड़ दिया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि कई सरकारी प्राथमिक स्कूल में बच्चों की संख्या के अनुसार कक्षाएं नही है और बच्चे स्कूल के बरामदे में बैठकर पढ़ाने को मजबूर है। स्कूलों में चौकीदार की नियुक्ति न होने के कारण स्कूल की संपत्ति को लोग हानि पहुंचाते है। इसके अतिरिक्त स्कूल के शौचालय और बच्चों के लगाए गए पीने के पानी की टंकियों की नियमित सफाई न होने के कारण पानी और शौचालय बहुत गंदे रहते है।
हालांकि, सरकारी प्राथमिक स्कूलों की सभी समस्याओं से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी को कई बार अवगत कराया गया है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग अधिकारियों द्वारा स्कूलों में किसी प्रकार का कोई सुधार कार्य नही करवाया गया है। समस्याएं आज भी ज्यों की त्यों है। आर्थिक तंगी होने के कारण बच्चे ऐसे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं।
अब देखना यह है कि स्कूलों में बच्चों के दाखिला ना होने को लेकर सरकार क्या ठोस कदम उठाती है और बच्चों के दाखिले के संबंध में लापरवाही बरतने वाले अध्यापकों के खिलाफ क्या कार्यवाही करती है।